राज्यपाल ने शिवसेना को नहीं दी 48 घंटों की मोहलत, कांग्रेस समर्थन देने पर कर रही है विचार

राजभवन पहुंचे आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात की.

खास बातें

  • शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे पहुंचे राजभवन
  • राज्यपाल ने 48 घंटों की मोहलत देने से किया इनकार
  • कांग्रेस और एनसीपी ने नहीं सौंपा है समर्थन का पत्र
मुंबई :

राजभवन पहुंचे आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात की, वहां उन्होंने बताया कि भाजपा द्वारा इनकार करने के बाद राज्यपाल ऑफिस की तरफ से हमें सरकार बनाने का आमंत्रण मिला जिसमें 24 घंटे का वक्त दिया गया था. आज हमने उनसे मुलाकात की और राज्यपाल से सरकार बनाने की इच्छा के बारे में बताया और साथ ही राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है. आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने राज्यपाल को बताया कि हम दो अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में है. इसके लिए हमें अतिरिक्त समय चाहिए. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने 48 घंटे का समय देने से इनकार कर दिया है साथ ही शिवसेना को नसीहत दी है कि वह जल्द से जल्द सरकार बनाने का दावा पेश करे. 

महाराष्ट्र में सरकार गठन के फार्मूले पर कुमार विश्वास ने किया ट्वीट, लिखा- बिहार, कश्मीर, कर्नाटक...

वहीं इस मामले के तकनीकी पहलू पर बात करें तो जानकारों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में राज्यपाल हर दल के लिए 24 घंटों का समय आरक्षित रखते हैं. जिसके तहत बीजेपी को 24 घंटों का  समय दिया जा चुका है, शिवसेना ने अपने 24 घंटे पूरे कर लिए हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक पूरी हुई जहां मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुंबई में एनसीपी के साथ बात होगी और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. यानि की कोर कमेटी की बैठक में सरकार बनाने पर कोई भी स्थिति साफ नहीं हो पाई.

शिवसेना नेता संजय राउत हुए अस्पताल में भर्ती, सीने में दर्द की शिकायत

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई.