मठ चलाने जितना आसान नहीं यूपी में शासन करना - योगी आदित्यनाथ पर शिवसेना का निशाना

मठ चलाने जितना आसान नहीं यूपी में शासन करना - योगी आदित्यनाथ पर शिवसेना का निशाना

योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

खास बातें

  • 'धार्मिक कर्तव्यों के पालन से ज्यादा सुशासन पर ध्यान दें योगी'
  • 'यूपी में दो डिप्टी सीएम, लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा ने किया था इनकार'
  • 'नई नौकरियां पैदा करने के लिए योगी का काम करना होगा'
मुंबई:

अक्सर अपनी सहयोगी भाजपा पर निशाना साधते रहने वाली शिवसेना ने यूपी में बीजेपी सरकार के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का प्रशासन मठ चलाने जितना आसान नहीं है. शिवसेना ने योगी आदित्यनाथ को नसीहत भी दी है कि उन्हें अपने 'धार्मिक कर्तव्यों' का पालन करने से ज्यादा सुशासन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखे गए संपादकीय में उत्तर प्रदेश में दो उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति के मुद्दे पर अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए शिवसेना ने कहा कि इस कदम का मकसद आदित्यनाथ को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने के लिए स्वतंत्र रखना है. गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर मठ के प्रमुख हैं. शिवसेना ने संपादकीय में लिखा, 'उत्तर प्रदेश में दो उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की गई है, जबकि महाराष्ट्र के लिए भाजपा ने कहा था कि उप-मुख्यमंत्री की नियुक्ति उनकी नीति के विपरीत है. जम्मू-कश्मीर में उप-मुख्यमंत्री का पद पाने के लिए वे पीडीपी की महबूबा मुफ्ती के साथ मिल गए.'

गौरतलब है कि 2014 में भाजपा ने महाराष्ट्र में शिवसेना को उप-मुख्यमंत्री का पद देने से इनकार कर दिया था. हालांकि शिवसेना ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने से राम मंदिर निर्माण के काम में तेजी आएगी और हिंदुत्ववादी ताकतों में नई ऊर्जा का संचार होगा लेकिन नौकरियां पैदा करना भी अहम है और योगी को इसके लिए काम करना होगा. बीते रविवार को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा को राज्य का उप-मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है.


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