शिवसेना के राज्यमंत्रियों की बग़ावत, बीजेपी बोली, विशिष्ट कामों का आग्रह न करें राज्यमंत्री

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की फाइल तस्वीर

मुंबई:

शिवसेना के राज्यमंत्रियों ने बीजेपी के मंत्रियों के खिलाफ़ बग़ावत कर दी है। राज्य कैबिनेट में एहमियत न मिलने के मुद्दे पर शिवसेना के दो राज्यमंत्री सर्वाधिक मुखर हुए हैं। उन्होनें इस्तीफ़े की धमकी तक दी है। विदर्भ से आते राजस्व राज्य मंत्री के निशाने पर हैं बीजेपी के सीनीअर मंत्री एकनाथ खड़से। तो मुंबई से आने वाले गृहनिर्माण राज्यमंत्री रविंद्र वायकर ने सीधे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को टार्गेट किया है।

राज्यमंत्री रविंद्र वायकर ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए आक्षेप लगाया कि, मेरे विभाग के कैबिनेट मंत्री, जो कि खुद सीएम हैं, मुझे काम नहीं देते। जो अधिकार हैं, उसे भी कम करने की कोशिश हो रही है। यह ठीक नहीं है। इस बाबत मैंने मुख्यमंत्री को ख़त लिखा है। ऐसे चलते रहा तो पद पर बने रहने का क्या मतलब?

राजस्व राज्यमंत्री संजय राठोड ने सहयोगी राज्यमंत्री वायकर के सुर में सुर मिलाया है। राठोड़ अपने इस्तीफ़े की बात को लेकर शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मिले। लेकिन, उन्हें थमे रहने को कहा गया।

महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के कुल 10 मंत्री हैं, जिन में से पांच राज्य मंत्री हैं। जबकी बीजेपी के पांच राज्यमंत्री शिवसेना के कैबिनेट मंत्रियों के माताहत काम कर रहे हैं। इसी धागे को पकड़कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फ़डणवीस ने संवाददाताओं को बताया कि, बीजेपी के किसी राज्यमंत्री ने तो कभी शिवसेना के सीनीअर मंत्री के खिलाफ़ शिकायत नहीं की। राज्यमंत्रिओं को क्या काम दिया जाए, यह कानून में विदित है और उसी लिहाज़ से काम का बंटवारा हुआ है। किसी को यह लग सकता है कि वह और अधिक काम करने के लिए सक्षम हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए कानून में संशोधन करना होगा।

मुख्यमंत्री के मामले को बातचीत से हल करने के मूड के बावजूद राजस्व राज्यमंत्री एकनाथ खड़से अपने पर हुए आरोपों का जवाब पलटवार से देते हुए दिख रहे हैं। खड़से ने एक बयान जारी कर कहा है कि, राज्यमंत्रियों को विशिष्ट काम के लिए आग्रह नहीं करना चाहिए।

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इस बयानबाजी के बाद महाराष्ट्र की बीजेपी-शिवसेना सरकार के बीच का यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।