खास बातें
- नवाजुद्दीन मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना गांव के रहने वाले हैं.
- उन्होंने इसके लिए काफी रिहर्सल की थी.
- यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने इस पर अफसोस जताया है.
लखनऊ: फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को शिवसेना ने उनके गांव में रामलीला नहीं करने दी. नवाजुद्दीन मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना गांव के रहने वाले हैं. उनके गांव की रामलीला कमेटी के लोग चाहते थे कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी रामलीला में मारीच का रोल करें. नवाजुद्दीन ने इसके लिए काफी रिहर्सल की थी. वह कल रामलीला में शामिल होने के लिए वहां पहुंचे. वहां ग्रीन रूम में तैयार हो रहे थे तभी शिवसेना के लोगों ने वहां पहुंचकर उनका विरोध किया, जिसके बाद नवाज़ चुपचाप वहां से घर वापस चले गए. यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने इस पर अफसोस जताया है.
मुजफ्फरनगर शिवसेना के जिला उप प्रमुख मुकेश शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, 'नवाजुद्दीन नाम के व्यक्ति को हम रामलीला नहीं करने देंगे. इस रामलीला के 50 साल के इतिहास में किसी भी 'दीन' नाम के व्यक्ति ने रामलीला में कोई रोल नहीं किया है'.
चूंकि नवाजुद्दीन के रामलीला में रोल करने की खबर स्थानीय अखबारों में छप गई थी, इसलिए उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ जमा हुई. लेकिन नवाजुद्दीन के रोल नहीं करने से वे बहुत मायूस हुए. रोहताश करीब 20 किलोमीटर दूर से रामलीला देखने आए. कहते हैं ''मुझे नहीं मालूम क्या हुआ.. शायद कुछ विरोध हुआ है, जिससे वो चले गए. हमने हमेशा उन्हें फिल्म में देखा है. आज सामने देखते तो बात कुछ और होती, लेकिन हमें बहुत मायूसी हुई''.
लेकिन शिवसेना के मनोज सैनी कहते हैं कि ''अगर नवाजुद्दीन ने यहां रामलीला करने की भूल की तो उन्हें शिवसेना स्टाइल में सबक सिखाया जाएगा. वो मुंबई में रहते हैं. उन्हें पता नहीं कि शिवसेना का स्टाइल क्या है?''
लेकिन बुढ़ाना इलाके के पुलिस सर्किल ऑफिसर सुधीर कुमार तोमर कहते हैं कि 'नवाजुद्दीन या रामलीला कमेटी की तरफ से ऐसी कोई शिकायत पुलिस से नहीं की गई है. न ही नवाजुद्दीन के रामलीला में शामिल होने की जानकारी उन्हें दी गई, वरना वहां उनकी सुरक्षा का इंतजाम करते. हो सकता है कि नवाजुद्दीन को लगा हो कि उनके रामलीला में काम करने से कोई कानून व्यवस्था की स्थिति खराब न हो जाए, इसलिए वो बिना बताए चले गए हों'.
'नवाजुद्दीन को भले कुछ शिव सैनिकों ने रामलीला नहीं करने दी हो, लेकिन पूरे यूपी में मुसलमान रामलीलाओं में रोल करते हैं. सुल्तानपुर में एक मुस्लिम परिवार 105 साल से रामलीला करवा रहा है. राम की नगरी अयोध्या में मुस्लिम 52 सालों से रामलीला करते रहे हैं... और लखनऊ में 45 साल से एक ऐसी रामलीला होती है, जिसमें राम,लक्ष्मण, रावण और दशरथ सारे मुख्य किरदार मुस्लिम ही अदा करते हैं.