मंत्रिमंडल बंटवारे के बाद NDA की सहयोगी दल शिवसेना ने मोदी सरकार के सामने रखी यह मांग

बीजेपी की अगुवाई वाले NDA में शामिल शिवसेना (Shiv Sena) ने गुरुवार को कहा कि उसने लोकसभा में उप सभापति (Deputy Speaker) का पद मांगा है.

मुंबई:

बीजेपी की अगुवाई वाले NDA में शामिल शिवसेना (Shiv Sena) ने गुरुवार को कहा कि उसने लोकसभा में उप सभापति (Deputy Speaker) का पद मांगा है. साथ ही पार्टी ने स्पष्ट किया कि उसकी इस मांग का यह कतई मतलब नहीं है कि वह नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार से असंतुष्ट है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि उप सभापति पद की मांग करना उनकी पार्टी का अधिकार है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार से असंतुष्ट हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा, 'इस मांग का असर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए BJP के साथ हुए गठबंधन पर नहीं पड़ेगा.'

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पार्टी नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बताया कि पार्टी की मांग भारतीय जनता पार्टी (BJP) तक पहुंचा दी गई है. उन्होंने कहा, 'पार्टी ने उप सभापति का पद मांगा है और हमने अपनी मांग भाजपा तक पहुंचा दी है.' राउत ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और सारे सांसद संसद का अगला सत्र शुरू होने से पहले अगले सप्ताह अयोध्या जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मकसद विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराना है.

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बता दें कि उद्धव ठाकरे नवंबर 2018 में अयोध्या गए थे और इसका स्पष्ट उद्देश्य राम मंदिर के मुद्दे पर केंद्र की मोदी नीत सरकार पर दबाव बनाना था. शिवसेना और भाजपा के संबंध लोकसभा चुनाव से पहले तक काफी तनावपूर्ण थे. काफी मान मनौव्वल के बाद दोनों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन हुआ था.

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उधर, लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर रहा है तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, राधामोहन सिंह एवं वीरेंद्र कुमार सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को इस पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि संभावित उम्मीदवारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम और एसएस अहलुवालिया के भी नाम शामिल हैं. आठ बार सांसद बन चुकी मेनका गांधी भाजपा की सबसे अनुभवी लोकसभा सदस्य हैं और वह अध्यक्ष पद के लिए एक स्वाभाविक विकल्प हैं. 

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(इनपुट: भाषा)