छलका शिवपाल का दर्द बोले- कुछ लोगों को बैठे-बिठाए विरासत मिल जाती है

छलका शिवपाल का दर्द बोले- कुछ लोगों को बैठे-बिठाए विरासत मिल जाती है

शिवपाल यादव और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

खास बातें

  • रामगोपाल यादव ने अखिलेश की वकालत करते हुए लिखा मुलायम को खत
  • शिवपाल यादव ने बिना नाम लिए साधा अखिलेश पर निशाना
  • आजम खान ने दिया मुलायम के फैसले का साथ
लखनऊ:

एक तरफ रामगोपाल अखिलेश की वकालत कर रहे हैं तो दूसरी ओर शिवपाल यादव बिना नाम लिए अखिलेश पर निशाना साध रहे हैं. शनिवार को इटावा में शिवपाल ने कहा कि कुछ लोगों को बैठे-बिठाए विरासत मिल जाती है और किसी को भाग्य से.

जो लोग समर्पण भाव से मेहनत करते हैं उनको कुछ भी नहीं मिलता. हालांकि यादव परिवार में कलह के सवाल पर शिवपाल ने तुरंत अपने सुर बदले और कहा कि हमारा पूरा परिवार एक है और बहुमत में आने पर अखिलेश यादव का ही नाम सीएम के तौर पर प्रस्तावित किया जाएगा.

अखिलेश के अकेले चुनाव प्रचार शुरू करने के बयान पर शिवपाल ने कहा कि चुनाव के मद्देनज़र सबकी अलग-अलग ड्यूटी होती है क्योंकि प्रदेश बड़ा है. हम अपना काम आपस में बांट लेंगे.

इस बीच मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव की तरफदारी में मुलायम सिंह को एक खत लिख कर उन्हें समाजवादी पार्टी के पतन के लिए जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद मुलायम सिंह दिल्ली में रामगोपाल के घर पहुंचे जहां दोनों के बीच करीब तीन घंटे बात हुई. उस खत का मजमून कुछ इस तरह है:

आदरणीय नेताजी सादर चरण स्पर्श

समाजवादी पार्टी को आपने बड़ी मेहनत से बनाया था. पार्टी चार बार सत्ता में भी पहुंची. पिछली बार किसी अन्य दल के समर्थन की आवश्यकता भी नहीं पड़ी. उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने जो कार्य किए हैं वो पूरे देश के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य कर रहे हैं.  मुख्यमंत्री जी इस समय निर्विवाद रूप से प्रदेश के सबसे बड़े लोकप्रिय नेता हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ उससे पार्टी का मतदाता निराश और हताश है. और अब तो उसमें नेतृत्व के प्रति आक्रोश भी उत्पन्न हो रहा है.

लोगों को कष्ट ये है कि पहले नंबर पर चल रही पार्टी कुछ इन गिने चुने लोगों की गलत सलाह के चलते काफी पीछे चली गई है. ये जो आजकल आपको सलाह दे रहे हैं, जनता की निगाह में उनकी हैसियत शून्य हो गई है.

पार्टी जिसे चाहे उसे टिकट दे, लेकिन जीतेगा वही जिसकी हैसियत होगी. और पार्टी तभी चुनाव जीतेगी जब पार्टी का चेहरा अखिलेश यादव होंगे. अगर आप चाहते हैं कि पार्टी फिर 100 से नीचे चली जाए तो आप चाहें जो फैसला लें, लेकिन एक बात याद रखें कि जो जनता आपकी पूजा करती है, समाजवादी पार्टी बनाने के लिए, वही जनता पार्टी के पतन के लिए आपको और केवल आपको दोषी ठहराएगी. इतिहास बहुत निष्ठुर होता है, ये किसी को बख्शता नहीं.  

सादर आपका,
रामगोपाल यादव
15 अक्टूबर, 2016


रामगोपाल ने अमर सिंह पर भी चोट की है और उनका नाम लिए बिना कहा है कि जो आजकल आपको सलाह दे रहे हैं, जनता की निगाह में उनकी हैसियत शून्य हो गई है.

इस बीच यूपी के कबीना मंत्री आज़म ख़ान ने अखिलेश को सीएम के तौर पर दोबारा प्रोजेक्ट ना करने के मुलायम सिंह के फ़ैसले को पार्टी के लिए फ़ायदेमंद बताया है. आज़म ने इसे पार्टी की राजनैतिक रणनीति का एक हिस्सा बताया है. आज़म ने कहा कि हम साइकिल को जानते हैं, हमारा चुनाव तो साइकिल का चेहरा लड़ेगा. आज़म ने यह भी कहा कि कोई इस ख़ुशफ़हमी में ना रहे कि इससे पार्टी को कोई नुकसान होने जा रहा है.


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