उर्मिला मातोंडकर ने कहा, 'AC वाले कमरे में बैठकर ट्वीट करने वाली नेता नहीं बनना चाहती'

उर्मिला ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए गए एक इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाड़ी सरकार की तारीफ की और कहा कि वो ऐसा नेता नहीं बनना चाहती हैं जो एसी वाले कमरे में बैठकर ट्वीट करता है.

उर्मिला मातोंडकर ने कहा, 'AC  वाले कमरे में बैठकर ट्वीट करने वाली नेता नहीं बनना चाहती'

उर्मिला का नाम महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए गवर्नर के पास भेजा गया है. (फाइल फोटो)

मुंबई:

हाल ही में शिवसेना जॉइन कर चुकी एक्टर-पॉलिटिशयन उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) का कहना है कि उनको कांग्रेस के साथ अपने कम समय के लिए रहे संबंध को लेकर कोई पछतावा नहीं है और उनके मन में पार्टी के आलाकमान नेतृत्व के प्रति बहुत सम्मान है. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र विधान परिषद में गवर्नर के कोटा से सीट के ऑफर को लेने से इनकार कर दिया था. हालांकि, शिवसेना में आने के बाद उन्होंने यह ऑफर ले लिया है. उनका नाम पार्टी की ओर से गवर्नर भगत कोश्यारी को भेजा गया है लेकिन अभी तक उनके नाम को मंजूरी नहीं मिली है.

उर्मिला ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि 'मैं पार्टी में छह महीनों से भी कम समय के लिए थी और लोकसभा चुनावों में 28 दिनों के चुनावी कैंपेन में मैंने बहुत सी अच्छी यादें बटोरीं.' परिषद की सीट पर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैंने सोचा कि जब मैंने पार्टी छोड़ दी थी, तो फिर उनकी तरफ से दिया गया यह ऑफर लेना सही नहीं होगा.'

कांग्रेस की आलोचना करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'अगर मैंने कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के खिलाफ नहीं बोला तो फिर मुझे नहीं समझ आता कि अब क्यों बोलना चाहिए.' उर्मिला मातोंडकर की पिछले साल के लोकसभा चुनावों में मुंबई नॉर्थ की सीट से हार हो गई थी. मई में रिजल्ट आने के कुछ दिनों बाद उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि पार्टी की भीतरी लड़ाई की वजह से उनके कैंपेन को नुकसान पहुंचा था. लेटर में उन्होंने महाराष्ट्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम के दो करीबी नेताओं के बर्ताव की आलोचना की थी. उर्मिला ने इस बात से इनकार किया कि पार्टी छोड़ने की वजह हार थी. उन्होंने कहा कि 'मेरे लिए मेरी अंतरात्मा की आवाज ज्यादा मायने रखती है.' 

यह भी पढ़ें : सरकार ने लिया शीतकालीन सत्र न बुलाने का फैसला तो उर्मिला मातोंडकर बोलीं- देश खुल चुका है सिवाय संसद के, जहां...

उद्धव ठाकरे सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी की सरकार का अब तक का कार्यकाल बहुत अच्छा रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 आउटब्रेक और प्राकृतिक आपदाओं का यह वक्त बहुत ही चुनौतीपूर्ण था.

कांग्रेस और शिवसेना की विचारधारा में फर्क वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि 'सेकुलर होने का मतलब यह नहीं है कि आप किसी धर्म में विश्वास नहीं रखते. एक हिंदू होने का मतलब यह नहीं है कि आप दूसरे धर्मों से नफरत करते हैं. शिवसेना हिंदुत्ववादी पार्टी है. हिंदू धर्म महान धर्म है, सबको साथ लेकर चलता है.'

उर्मिला ने कहा कि 'मेरा इरादा लोगों का नेता बनने का है, जैसे कि लोगों ने ही मुझे फिल्म स्टार बनाया था.'  उन्होने कहा कि वो बिना किसी जाति, धर्म और भेदभाव के काम करना चाहती हैं. 'मैं ऐसा नेता नहीं बनना चाहती जो एसी रूम में बैठकर ट्वीट करता है. मुझे पता है कि मुझे क्या करना है और कैसे करना है और मैं आगे भी सीखती रहूंगी.' 

उर्मिला ने इस बात पर जोर दिया कि अगर विधान परिषद में उन्हें जगह नहीं भी मिलती है तो भी वो शिवसेना के लिए काम करती रहेंगी. उन्होंने कहा, 'मैंने शिवसेना किसी पोस्ट के लिए जॉइन नहीं की थी. मैंने कांग्रेस चुनाव लड़ने के लिए नहीं जॉइन किया था. मैंने पार्टी (कांग्रेस) के लिए कैंपेनिंग करके भी खुश रह लेती.'

(PTI से इनपुट के साथ)

Video: संजय राउत बोले- पवार के यूपीए प्रमुख बनने का समर्थन

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com