आरएसएस संघ आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था जारी रखने के पक्ष में

पुष्कर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक संपन्न हुई, 36 संगठनों के 195 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया

आरएसएस संघ आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था जारी रखने के पक्ष में

दत्तात्रेय होसबले (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

आरएसएस ने कहा है कि एनआरसी की कमियां दूर होनी चाहिए. संघ आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था जारी रखने के पक्ष में है. संघ ने चीनी माल की बिक्री गिरने पर संतोष जताया है. पुष्कर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक आज संपन्न हुई. बैठक में 36 संगठनों के 195 कार्यकर्ता उपस्थित थे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दतात्रेय होसबले ने बैठक के अंतिम दिन आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि आगामी समय में मध्यवर्ती क्षेत्र के जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विकास और संवैधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन सुनिश्चित करने आदि विषयों को लेकर विशेष प्रयास किया जाएगा. सीमावर्ती क्षेत्रों में शिक्षा, विकास, रोजगार के लिए सरकार के साथ समाज का भी दायित्व है, इस भाव को लेकर समाज जागरण, प्रबोधन के कार्यक्रम सभी संगठन लेंगे. उन सीमावर्ती क्षेत्रों में सभी संगठनों द्वारा राष्ट्रभाव जागरण के साथ वहां का समाज सुखी, स्वावलंबी हो, ऐसा प्रयास किया जाएगा. राष्ट्रीय नागरिक पंजीयिका (एनआरसी) का उन्होंने स्वागत किया और उसमें जो कमियां रह गई हैं, उनको दूर करने का आवाहन किया.

आरक्षण पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि संघ आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था का समर्थन करता है. जब तक समाज में भेदभाव है तब तक यह व्यवस्था चलनी चाहिए. मॉब लिंचिंग के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हम किसी भी प्रकार की हिंसा का विरोध करते हैं. सभी को कानून का पालन करना चाहिए.

होसबले ने कहा कि केन्द्र सरकार ने हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया. इससे समूचे देश में खुशी की लहर है. अब इस क्षेत्र में विकास की जरूरत है. संघ सहित सभी संगठन बीते कई साल से एक राष्ट्र, एक संविधान, एक निशान की मांग करते रहे हैं. कश्मीर और लद्दाख में संघ द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों ने वहां राष्ट्रभाव को मजबूत किया है. कश्मीर में कुछ राजनेताओं की गिरफ्तारियां हुई हैं, सरकार ने तथ्यों, सबूतों के आधार पर राष्ट्रहित में ही फैसला लिया है. पूर्ववर्ती सरकारें तो कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक चली जाती थीं.

उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को लेकर स्वदेशी जागरण मंच द्वारा चलाए गए आंदोलनों के परिणाम स्वरूप चीनी माल की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. स्वदेशी की यह भावना केवल अभियानों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए.

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक में 36 संगठनों के 195 कार्यकर्ता उपस्थित थे. समन्वय बैठक में न तो कोई प्रस्ताव पारित होता है, न ही यह कोई निर्णय लेने का मंच है. सभी संगठन स्वतंत्र एवं स्वायत्त हैं. बैठक का उद्देश्य जानकारियों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान, एक-दूसरे के प्रयोगों, उपलब्धियों से प्रेरणा प्राप्त करना है. गत वर्ष मंत्रालय बैठक में सभी संगठनों ने ‘पेड़ लगाओ-जल बचाओ-प्लास्टिक का उपयोग कम करें' का लक्ष्य लेकर काम करना प्रारंभ किया है तथा समाज में आ रहे सांस्कृतिक क्षरण को रोकने के लिए भी प्रयास प्रारंभ किए हैं. इन सभी विषयों पर सबने अपने-अपने संगठनों में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी.