जौहरियों की देशव्यापी हड़ताल का असर? कारीगर खुदकुशी करने को मजबूर

जौहरियों की देशव्यापी हड़ताल का असर? कारीगर खुदकुशी करने को मजबूर

कारीगर अमित दत्ता ने नवी मुंबई में ख़ुदकुशी कर ली

मुंबई:

एक्साइज ड्यूटी के विरोध में चल रही जौहरियों की देशव्यापी हड़ताल का असर जौहरी और  केंद्र सरकार पर भले ही न पड़ा हो लेकिन स्वर्ण आभूषण बनाने वाले गरीब कारीगरों पर हड़ताल का असर पड़ना शुरू हो गया है। बंगाली स्वर्णशिल्पी कल्याण संघ के महासचिव कालीदास सिन्हारॉय की माने तो बेरोजगारी से परेशान कारीगरों ने ख़ुदकुशी करनी शुरू कर दी है।

कालीदास सिन्हारॉय के मुताबिक मुंबई में अब तक 2 कारीगरों ने ख़ुदकुशी की है। मुंबई के भुलेश्वर में रविवार की रात को सुशांता सामंता ने फ़ांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली। 10 मार्च को भुलेश्वर के ही एक कारीगर अमित दत्ता ने नवी मुंबई में अपने घर में ख़ुदकुशी कर ली थी। कालीदास का दावा है कि हड़ताल की वजह से काम ठप्प हो गया है जिसकी वजह से कारीगर बेरोजगारी और आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता धनजंय कुलकर्णी ने सुशांता की ख़ुदकुशी की तो पुष्टि की है लेकिन उसे जौहरियों के हड़ताल से जोड़ने से इंकार किया है। उनका कहना है कि उसके पास से ऐसा कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और जांच में पता चला है कि वह बीमार चला रहा था।
 

(सुशांता सामंता ने फ़ांसी लगा ली)
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जौहरियों की हड़ताल 36वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। दुकान और काम बंद होने से कारीगरों की आमदनी बंद हो चुकी है। एक जानकारी के मुताबिक, अकेले मुंबई में तक़रीबन 2 लाख के करीब स्वर्ण आभूषण बनाने वाले कारीगर हैं जिनमें 90 फीसदी पश्चिम बंगाल से आते हैं। गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले कारीगर जेवर बनाकर ही अपना गुजारा करते हैं और गांव में अपने परिवार को भी पालते हैं।