जानिए भारत के अगले सेना अध्यक्ष और पाकिस्तान के नए सेना अध्यक्ष के बीच क्या हैं समानताएं

जानिए भारत के अगले सेना अध्यक्ष और पाकिस्तान के नए सेना अध्यक्ष के बीच क्या हैं समानताएं

नई दिल्‍ली:

शनिवार को रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट के जरिए अगले सेना अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया. लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत भारत के अगले सेना अध्यक्ष होंगे. वर्तमान सेना अध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं और 1 जनवरी से लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत सेना अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे. मौजूदा समय में लेफ्टिनेंट जनरल रावत सह सेनाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं.

28 नवंबर को क़मर जावेद बाजवा ने भी पाकिस्तान में आर्मी चीफ के रूप में कार्यभार संभाला था. भारत के अगले सेना अध्यक्ष और पाकिस्तान के मौजूदा सेना अध्यक्ष के बीच चयन, कार्य, अनुभव और ट्रेनिंग को लेकर कई समानताएं हैं.

दोनों का चयन वरिष्ठता नहीं, अनुभव को देखते हुए हुआ
भारत के अगले आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत का चयन वरिष्ठता को देखते हुए नहीं हुआ है. अगर वरिष्ठता के हिसाब से चयन होता तो भारत के अगले आर्मी चीफ जनरल प्रवीण बख्शी होते. लेकिन रावत की नियुक्ति उनके अनुभव को देखते हुए हुई है. लेफ्टिनेंट जनरल रावत संतुलित तरीके से सैन्य संचालन के लिए जाने जाते हैं. एक अफसर के रूप में लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पास उनका काफी अनुभव है. पूर्वोत्तर क्षेत्र में वह कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. इस तरह पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा का चयन वरिष्ठता नहीं बल्कि उनके अनुभव और लोकतंत्र में विश्वास की वजह से हुआ था. पाकिस्तान लाइन ऑफ़ कंट्रोल के उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें यह ज़िमेद्दारी सौंपी गई थी. अगर वरिष्ठता देखी जाती तो जनरल बाजवा नहीं बल्कि पाकिस्तान का आर्मी चीफ कोई और होता.

दोनों के पिता आर्मी से जुड़े हुए थे
लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा के पिता सेना में काम कर चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत भारतीय सेना से एक ऊंचे पद से रिटायर हुए हैं. पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल बाजवा के पिता लेफ्टिनेंट करनाल मुहम्मद इक़बाल बाजवा भी पाकिस्तान आर्मी में अफसर के रूप में काम कर चुके हैं.

दोनों कांगो में शांति दूत के रूप में काम कर चुके हैं
लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत और पाकिस्तान के मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बाजवा कांगो में शांतिदूत के रूप में काम कर चुके हैं. जनरल बाजवा ने भारत के पूर्व आर्मी चीफ जनरल विक्रम सिंह के साथ UN मिशन के तहत काम किया था. इस मिशन में जनरल सिंह वहां डिवीजन कमांडर थे जबकि जनरल बाजवा ब्रिगेड कामंडर थे. भारत के अगले आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रावत भी कांगो में UN चैप्टर VII मिशन के तहत शांति दूत के रूप में काम कर चुके हैं.

दोनों मिलिट्री अकादमी से ट्रेनिंग ले चुके हैं
भारत के अगले सेना अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री अकादमी, देहरादून से ट्रेनिंग ले चुके हैं जहां उन्हें 'Sword of Honour' से नवाजा गया था. पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जनरल बाजवा भी पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी, काकुल से ट्रेनिंग ले चुके हैं.


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