राहुल जी, छोटा भीम भी जानता है कि ऐप पर मांगी गई अनुमति का मतलब जासूसी नहीं : स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी का राहुल गांधी पर पलटवार, कांग्रेस पर डेटा सेंधमारी का आरोप, कहा- कांग्रेस ने सिंगापुर की एक कंपनी को अपने आधिकारिक एप 'विदआईएनसी' से डेटा साझा किया था

राहुल जी, छोटा भीम भी जानता है कि ऐप पर मांगी गई अनुमति का मतलब जासूसी नहीं : स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर डेटा सेंधमारी करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा है.

खास बातें

  • कहा- नमोएप डिलीट करने के बजाए कांग्रेसएप को ही हटा दिया
  • कांग्रेस ने सिगापुर के सर्वर को डेटा क्यों भेजा?
  • कांग्रेस ने कहा- 'विदआईएनसी' एप से सिर्फ सोशल मीडिया अपटेड
नई दिल्ली:

कांग्रेस के बीजेपी पर आरोपों के जवाब में केद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाना बनाया है. उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी छोटा भीम भी जानता है कि ऐप पर सामान्य रूप से मांगी गई अनुमति का मतलब जासूसी नहीं होता.’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘आदरणीय राहुल गांधी जी नमो ऐप का धन्यवाद जो आपको कम से कम एनसीसी के बारे में पता चला.’’

कांग्रेस ने सिंगापुर की एक कंपनी को अपने आधिकारिक एप 'विदआईएनसी' से डेटा साझा किया था, जो कि अब गूगल प्ले स्टोर से गायब हो चुका है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने यह बात कही. उन्होंने सोमवार को कांग्रेस पर डेटा सेंधमारी का आरोप लगाते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा.   

कांग्रेस और बीजेपी के बीच डाटा साझा करने के मुद्दे पर वाकयुद्ध जारी रहने के बीच राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘‘बिग बॉस करार दिया जो भारतीयों की जासूसी करवाना चाहते हैं’’ जबकि बीजेपी ने विपक्षी दल पर ‘चोरी’ का आरोप लगाया.

पीएम के आधिकारिक एप से उपयोगकर्ताओं की सहमति के बिना डाटा साझा करने के आरोप सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा कि नमो एप ने गोपनीय रूप से आडियो, वीडियो, सम्पर्क किया तथा जीपीएस के जरिए पता-ठिकाना तक जान लिया. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी का नमो एप गोपनीय रूप से आडियो, वीडियो तथा आपके मित्रों एवं परिवार के सम्पर्क रिकार्ड कर रहा है तथा जीपीएस के जरिए आपके पते-ठिकाने को जान रहा है. वह बिग बॉस है जो भारतीयों की जासूसी करना चाहता है.’’

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राहुल ने ‘डिलीट (हटाओ) नमो एप’ हैशटैग के साथ किए ट्वीट में कहा, ‘‘अब वह हमारे बच्चों के बारे में डाटा चाहते हैं. 13 लाख एनसीसी कैडेटों को एप डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया गया.’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मोदी लाखों भारतीयों के डाटा के साथ प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग सरकार द्वारा प्रोत्साहित नमो एप के जरिए अपना व्यक्तिगत डाटाबेस बनाने के लिए कर रहे हैं. ’’

राहुल ने कहा, ‘‘यदि प्रधानमंत्री भारत के साथ प्रौद्योगिकी के जरिए संवाद करना चाहते हैं तो कोई समस्या नहीं है. किंतु क्या इसके लिए आधिकारिक पीएमओ एप का इस्तेमाल किया जाएगा. डाटा का सम्बन्ध भारत से है, मोदी से नहीं.’’

इधर, स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर राहुल गांधी से पूछा कि क्या उनकी टीम ने उनके द्वारा 'नमो' एप को डिलीट करने को कहने को ठीक से नहीं समझा और इसके बदले 'विदआईएनसी' एप को गूगल स्टोर से हटा दिया. स्मृति ने प्ले स्टोर का स्क्रीन शॉट भी पोस्ट किया है. उन्होंने कहा, "यह क्या राहुल गांधीजी, लगता है आपकी टीम, आपने जो करने को कहा उसके उलट काम कर रही है. नमोएप डिलीट करने के बजाए उन्होंने कांग्रेसएप को ही हटा दिया."
 

 

ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष से पूछा कि क्या वे बताएंगे कि 'कांग्रेस ने सिगापुर के सर्वर को डेटा क्यों भेजा, जिसे कोई व्यक्ति, गुप्तचर व एनालिटिका उपयोग कर सकता था.' उन्होंने ब्रिटिश कंपनी का जिक्र किया, जिसने फेसबुल यूजर डेटा का राजनीतिक मकसदों से उपयोग करके तूफान खड़ा कर दिया है.
 

स्मृति ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी छोटा भीम भी जानता है कि एप पर सामान्य रूप से मांगी गई अनुमति का मतलब जासूसी नहीं होता.’’
 

उन्होंने कहा, ‘‘आदरणीय राहुल गांधी जी नमो एप का धन्यवाद जो आपको कम से कम एनसीसी के बारे में पता चला.’’
 
स्मृति ईरानी ने यह बयान कांग्रेस द्वारा डेटा सेंधमारी में उसकी संलिप्तता को निराधार बताने के बाद दिया है. कांग्रेस ने कहा 'विदआईएनसी' एप का इस्तेमाल सिर्फ सोशल मीडिया अपटेड करने के लिए किया गया है. कांग्रेस ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, "आज सुबह हमें प्ले स्टोर से एप हटाना पड़ा, क्योंकि गलत यूआरएल का प्रसार हो रहा था और लोग उससे गुमराह हो रहे थे. 'विदआईएनसी' एप एक सदस्यता का एप है और यह पांच महीने से उपयोग में नहीं है, क्योंकि हमने 16 नवंबर, 2017 को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आईएनसी डॉट इन को हटा दिया था."

(इनपुट एजेंसियों से)

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