धर्मद्रोही घोषित किए गए कुछ पत्रकारों को जान का खतरा

धर्मद्रोही घोषित किए गए कुछ पत्रकारों को जान का खतरा

दाभोलकर, कलबुर्गी और पानसरे (फाइल फोटो)।

मुंबई:

कॉमरेड गोविंद पानसरे के बाद निशाने पर वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले हैं। इस खबर के बाद कुछ और पत्रकार दहशत में हैं। पता चला है कि कॉमरेड पानसरे की हत्या के आरोप में पकड़े गए समीर गायकवाड़ अपने साथियों से जो बातचीत करता था उसमें उसने निशाने पर 4 और पत्रकारों के होने की भी बात कही थी। पुलिस ने हालांकि अभी उन नामों का खुलासा नहीं किया है।

पत्रकारों के परिजन खौफजदा
अपने लेख और भाषणों की वजह से सनातन संस्था द्वारा धर्मद्रोही करार दिए गए महाराष्ट्र वन चैनल के एडिटर युवराज मोहिते और मराठी दैनिक प्रहार के पत्रकार श्यामसुंदर सोनार ऐसे ही पत्रकारों में जो कि निशाने पर हैं। दोनों का कहना है कि उनके दोस्त और परिजन खबर के बाद से थोड़े खौफजदा हैं और उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

संस्था का हिटलिस्ट बनाने से इनकार
सन 2009 में गोवा और ठाणे धमाकों के बाद सनातन संस्था का नाम सुर्खियों में आया था। अपनी दक्षिणपंथी विचारधारा के खिलाफ खड़े कई पत्रकारों को संस्था ने धर्मद्रोही घोषित कर दिया। लेकिन संस्था के साधक चेतन राजन का कहना है कि संस्था ने ऐसे पत्रकारों की कोई हिटलिस्ट उसने नहीं बनाई है। धर्मद्रोही घोषित किए गए कुछ पत्रकार मुंबई से हैं। निखिल वागले को मुंबई पुलिस सुरक्षा देने की पेशकश कर चुकी है। लेकिन बाकी लोगों पर मुंबई पुलिस के प्रवक्ता धनंजय कुलकर्णी का कहना है कि समीक्षा करने के बाद ही सुरक्षा देने का फैसला होगा।

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एसआईटी को समीर के हैंडलर की तलाश
पानसरे हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी को समीर के हैंडलर की तलाश है। शक है कि गोवा बम धमाकों के आरोप में फरार रुद्र पाटिल ही समीर का हैंडलर हो सकता है। समीर गायकवाड़ से सिर्फ कोल्हापुर एसआईटी ही नहीं एनआईए और कनार्टक पुलिस भी पूछताछ कर रही है। शक है कि पुणे में नरेंद्र दाभोलकर और कर्नाटक में कलबुर्गी की हत्या में भी इन्हीं दक्षिणपंथी तत्वों का हाथ हो सकता है।