पंपोर हमले में सुरक्षा बलों ने हिजबुल प्रमुख सलाहुद्दीन के बेटे को सुरक्षित निकाला

पंपोर हमले में सुरक्षा बलों ने हिजबुल प्रमुख सलाहुद्दीन के बेटे को सुरक्षित निकाला

पंपोर में सरकारी परिसर पर आतंकी हमला हुआ था।

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पंपोर के सरकारी परिसर में पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले में सुरक्षा बलों ने जिन 100 लोगों को सुरक्षित निकाला, उसमें आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा शामिल है। श्रीनगर से 16 किमी दूर पंपोर के इंटरप्रेन्‍योरशिप डेवलपमेंट इंस्‍टीट्यूट (ईडीआई) परिसर में हुए हमले में जहां तीन जवान शहीद हुए थे, वहीं तीन अन्‍य लोगों भी भी जान गंवानी पड़ी थी। तीन दिन तक चली मुठभेड़ में सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया था।

ईडीआई ऑफिस में फंसा था सैयद मुईन
आतंकियों ने शनिवार को जब हमला बोला तो सलाहुद्दीन का पुत्र सैयद मुईन ईडीआई ऑफिस में फंस गया था। वह यहां आईटी मैनेजर के तौर पर काम करता है।  ऐसे में सुरक्षा बलों को तीन इमारतों की हर मंजिल को खाली कराना था क्‍योंकि आतंकी इनका कंक्रीट बंकर के तौर पर फायरिंग के लिए इस्‍तेमाल कर रहे थे। मुईन, सलाहुद्दीन के तीन बेटों में से एक है। पुलिस के मुताबिक, उसका किसी आतंकी संगठन से संबंध नहीं है। हालांकि ऐसी रिपोर्ट हैं कि हमले के बाद उससे पूछताछ की गई है।श्रीनगर में छह साल में किया गया यह सबसे बड़ा फिदायीन हमला है। पुलिस का मानना है कि सुरक्षा बलों के काफिले पर हमला करने के बाद परिसर में दाखिल हुए आतंकी, पाकिस्‍तान स्थित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित थे।

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पिता सलाहुद्दीन की गतिव‍िधियों से दूर हैं तीनों बेटे
मुठभेड़ सोमवार को खत्म हुई और देश इमारत परिसर में फंसे आम नागरिकों को सुरक्षित निकालने में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। गौरतलब है कि 70 वर्षीय सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्मीर में रहता है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के खिलाफ अधिकतर आतंकी हमले करवाने का आरोपी है। तीनों बेटों ने पिता की गतिविधियों से खुद को दूर रहा है। सलाहुद्दीन का एक बेटा डॉक्‍टर और एक मेडिकल असिस्टेंट है। पूर्व खुफिया प्रमुख एएस दौलत ने हाल ही में दावा किया था कि सलाहुद्दीन भारत लौटना चाहता था, लेकिन सरकार ने इसकी 'योजना' में बहुत अधिक समय बरबाद कर दिया। दौलत ने अपनी किताब ने कहा है कि श्रीनगर में आईबी ने ऐसा कॉल रिसीव किया था जिसमें सलाहुद्दीन की ओर से उसके बेटे के मेडिकल कॉलेज के नामांकन में मदद का आग्रह किया गया था। दौलत,पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ऑफिस में कश्मीर मामले के विशेष सलाहकार थे।वैसे हिजबुल मुजाहिदीन ने उनके इस दावे का खंडन किया था।