सोनिया की इफ्तार पार्टी आज, लालू रहेंगे नदारद, पीएम मोदी को न्योता नहीं

सोनिया की इफ्तार पार्टी आज, लालू रहेंगे नदारद, पीएम मोदी को न्योता नहीं

लालू प्रसाद यादव और सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रही है। इसमें शामिल होने के लिए सोनिया ने विपक्ष के सारे नेताओं को न्योता भेजा है। इनमें नीतीश कुमार, मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, सीताराम येचुरी, डेरेक ओ ब्रायन, मायावती समेत कई नेताओं के नाम हैं।

हालांकि इसमें लालू प्रसाद हिस्सा नहीं लेंगे। इसकी वजह कांग्रेस से नीतीश की बढ़ती नजदीकियां बताई जा रही हैं। इस मामले पर लालू यादव का कहना है कि जिस दिन सोनिया जी ने इफ्तार दिया है, उसी दिन मैंने पटना में दिया है। हमारे दो एमपी इसमें हिस्सा लेंगे।

वहीं कांग्रेस ने इस पार्टी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता नहीं भेजा है।

संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले होने वाली इस इफ्तार पार्टी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस चाहती है कि संसद में सरकार को घेरने में तमाम विपक्षी नेता उसका साथ दें।

भाजपा नीत राजग में शामिल नहीं होने के बावजूद कुछ क्षेत्रीय दलों को इफ्तार पार्टी से दूर रखा गया है। इनमें अन्नाद्रमुक, बीजद और टीआरएस हैं, जो क्रमश: तमिलनाडु, ओडिशा और तेलंगाना में सरकार चला रही हैं। बिहार में जदयू, राजद, कांग्रेस और राकांपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, वहीं वामदल अलग से किस्मत आजमाएंगे।

कांग्रेस ऐसे समय में बड़ी विपक्षी एकता का संदेश देने का प्रयास कर रही है जब मोदी सरकार और भाजपा एक के बाद एक घोटालों के आरोपों से घिरी हैं। इनमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा दागी पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी को मदद करने का मामला शामिल है तो मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले की आंच भी सरकार के लिए तपन पैदा कर रही है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने पिछले दिनों सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

विपक्षी दलों का आज होने वाला समागम ऐसे वक्त में हो रहा है, जब सरकार के प्रबंधकों ने संसद के बाहर और भीतर विपक्ष का सामना ताकत के साथ करने का फैसला किया है। संसद के मॉनसून सत्र की अवधि कम नहीं करने के निर्णय में यह बात झलकती है।

मोदी सरकार ने सुषमा, वसुंधरा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांगों को खारिज कर दिया है और इसके चलते 13 अगस्त तक चलने वाला मानसून सत्र का हंगामेदार होना तय है।

इनके अतिरिक्त कांग्रेस डिग्री संबंधी विवाद को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के और महाराष्ट्र में नियमों का उल्लंघन करते हुए निविदाओं को आमंत्रित किए बिना एक दिन में 206 करोड़ रुपये की खरीदी को मंजूर करने संबंधी कथित घोटाले में राज्य की मंत्री पंकजा मुंडे के इस्तीफे की भी मांग कर रही है।

कांग्रेस के निशाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी हैं, जो कथित ‘धान घोटाल’ को लेकर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

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(इनपुट्स भाषा से भी)