यह ख़बर 09 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले सोनिया-मनमोहन की मुलाकात

खास बातें

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल में अगले हफ्ते संभावित फेरबदल की चर्चाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्रिमंडल में अगले हफ्ते संभावित फेरबदल की चर्चाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन के इस्तीफे और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री मुरली देवड़ा द्वारा इस्तीफे की पेशकश के बाद इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की लंबे समय से चर्चा चल रही है। जनवरी महीने में अपने मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल करने के बाद प्रधानमंत्री ने कुछ समय बाद बड़े फेरबदल की बात कही थी। प्रधानमंत्री ने हाल में प्रिंट मीडिया के संपादकों के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि मंत्रिमंडल में फेरबदल का काम प्रगति पर है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं। मसलन ममता बनर्जी के इस्तीफे के बाद रेल मंत्रालय और दयानिधि मारन के इस्तीफे के बाद कपड़ा मंत्रालय खाली है। इसके अलावा कई मंत्री दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कपिल सिब्बल के पास मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ दूरसंचार मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है। इसी तरह पवन कुमार बंसल संसदीय कार्यमंत्रालय के साथ साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी मंत्रालय का काम देख रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी ने चेन्नई में डीएमके प्रमुख करुणानिधि से मुलाकात की और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। यह स्पष्ट नहीं है कि मारन और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा की जगह डीएमके से किसे मंत्री बनाया जाएगा।  कुछ मंत्रियों, खासकर उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्रियों को प्रोन्नति मिलने की चर्चा है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिन राज्य मंत्रियों का कद बढ़ सकता है उनमें शामिल हैं… ज्योतिरादित्य सिंधिया ,जिन्हें कैबिनेट का दर्जा मिल सकता है। इसके अलावा रेल मंत्रालय जो ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से पीएम के पास है उसका कार्यभार टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी को दिया जा सकता है। बेनी प्रसाद वर्मा के भी कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा राज बब्बर मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। एमएस गिल को कैबिनेट से हटाया जा सकता है। कांति लाल भूरिया की जगह खाली हो रही है, उन्हें एमपीसीसी का अध्यक्ष बनाया गया है।(इनपुट भाषा से भी)


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