सपा में टिकटों पर टकराव : शिवपाल के करीबियों को टिकट, अखिलेश समर्थकों को झटका

सपा में टिकटों पर टकराव : शिवपाल के करीबियों को टिकट, अखिलेश समर्थकों को झटका

सपा के टिकट वितरण में अखिलेश समर्थक तीन मंत्रियों को टिकट नहीं दिया गया

खास बातें

  • सपा ने 325 सीटों पर प्रत्‍याशी घोषित किए
  • 78 सीटों पर बाद में फैसला किया जाएगा
  • 176 सीटों पर मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया

सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने आगामी यूपी चुनावों के मद्देनजर 325 प्रत्‍याशियों की सूची बुधवार को जारी की. इस सूची में ऐसे कई विवादित चेहरों को जगह मिली है जिनके नामों पर कथित रूप से मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को आपत्ति रही है. वहीं हाल में चाचा और भतीजे के बीच हुए संघर्ष में खुलकर अखिलेश के पक्ष में सामने आने वाले उनके कई करीबियों का टिकट काट दिया गया है. इस पृष्‍ठभूमि में आइए जानते हैं कि किन विवादित चेहरों के नामों पर सपा सुप्रीमो ने मुहर लगाते हुए टिकट दिया और किन कद्दावर चेहरों के टिकट कटे :

गायत्री प्रसाद प्रजापति
मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. पिछले विधानसभा में अमेठी से चुनाव जीते. कांग्रेस के गढ़ में सपा का झंडा लहराने के कारण ईनाम के रूप में उनको मंत्रिमंडल में जगह दी गई और खनन मंत्री बनाया गया. भ्रष्‍टाचार के कई मामले कथित रूप से सामने आने के बाद अखिलेश यादव ने उनको दो बार मंत्रिमंडल से बाहर का रास्‍ता दिखाया लेकिन सपा सुप्रीमो के आशीर्वाद के चलते कैबिनेट में वापसी हुई. पिछड़े वर्ग से ताल्‍लुक रखने वाले इस शख्‍स को इस बार फिर से टिकट दिया गया.

अतीक अहमद
इलाहाबाद के बाहुबली नेता. कई बार पाला बदलकर सपा और बसपा में रहे. विवादित शख्सियत और हत्‍या समेत अनेक गंभीर मामले इनके खिलाफ चल रहे हैं. माना जा रहा है कि अखिलेश को इनके पर आपत्ति थी लेकिन इसके बावजूद कानपुर कैंट सीट से टिकट दिया गया.

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राजकिशोर सिंह 
गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ बस्‍ती के इस नेता को भी मंत्रिमंडल से अखिलेश यादव ने बर्खास्‍त कर दिया था. गायत्री प्रजापति की तो मंत्रिमंडल में वापसी हो गई लेकिन राजकिशोर वापसी करने में नाकाम रहे. लेकिन अंतिम रूप से टिकट हासिल करने में कामयाब रहे.

नारद राय
मुलायम सिंह के करीबी माने जाते हैं. अखिलेश ने मंत्रिमंडल से हटा दिया था. लेकिन सपा के टिकट पर एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं.

सिबगतुल्‍लाह अंसारी
बाहुबली मुख्‍तार अंसारी के भाई हैं. मुख्‍तार के खिलाफ हत्‍या समेत 44 गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं. इनकी पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर अखिलेश ने आपत्ति जताई थी. इसके चलते एक बार इस पार्टी के विलय को रद कर दिया गया लेकिन शिवपाल ने सपा के प्रदेशाध्‍यक्ष बनने के बाद कहा कि इस पार्टी का सपा में विलय हो गया है. अब सिबगतुल्‍लाह अंसारी को टिकट दे दिया गया है.  

अखिलेश समर्थकों में मायूसी
हाल में चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच हुए घमासान में मुख्‍यमंत्री का खुलकर साथ देने वाले अयोध्‍या से मंत्री पवन पांडे और बाराबंकी से मंत्री अरविंद सिंह गोप के नाम उम्‍मीदवारों की सूची में नहीं हैं. इससे माना जा रहा है कि टिकटों के बंटवारे में शिवपाल की पसंद का ज्‍यादा ख्‍याल रखा गया है. सपा सुप्रीमो ने सूची जारी करते हुए कहा भी कि हमने जिताऊ उम्‍मीदवारों पर ही दांव लगाया है. काफी सोच-समझकर टिकट दिए गए हैं और अब टिकटों को बदला नहीं जाएगा. हालांकि अभी 78 सीटों पर उम्‍मीदवार घोषित नहीं हुए हैं.


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