खास बातें
- श्रीलंकाई श्रद्धालुओं को मंगलवार को दूसरे दिन भी निशाना बनाया गया जब उन्हें लेकर तिरूचिरापल्ली हवाई अड्डा जा रही तीन बसों पर तमिल संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया।
चेन्नई: श्रीलंकाई श्रद्धालुओं को मंगलवार को दूसरे दिन भी निशाना बनाया गया जब उन्हें लेकर तिरूचिरापल्ली हवाई अड्डा जा रही तीन बसों पर तमिल संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया।
पुलिस ने कहा कि 178 श्रीलंकाई श्रद्धालुओं को लेकर जा रही सात बसों में से तीन पर कत्तूर के पास कार्यकर्ताओं ने पत्थरों और डंडों से हमला किया जिससे वाहनों से बाहर आते वक्त तीन श्रद्धालुओं को चोट लगीं।
इन श्रद्धालुओं को आज सुबह वेलनकन्नी में ईसाई धर्मस्थल पर तमिल संगठनों का विरोध झेलना पड़ा जब इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उनके वाहनों को रोकने का प्रयास किया।
इससे पहले श्रीलंकाई श्रद्धालुओं को सोमवार को तंजावुर के पास पूंदी मधा ईसाई धर्मस्थल पर भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था।
पुलिस ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने ‘सिंहली वापस जाओ’ के नारे के साथ रास्ते में प्रदर्शन किया। इस दौरान एक बस का एक टायर पंचर हो गया जिसके कारण पीछे आ रहे काफिले को भी रुकना पड़ा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने तीन बसों पर हमला कर दिया और मार्ग अवरुद्ध करने के लिए दो वाहनों का उपयोग किया।
श्रीलंकाई उपउच्चायुक्त आरकेएमए राजकरुणा ने चेन्नई में कहा कि हमें खबर मिली हैं कि कुछ लोगों ने श्रद्धालुओं के समूह का पीछा किया, उन्हें धमकी और गालियां दीं तथा पत्थरों से उन पर हमला किया।
उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई सरकार ने स्थिति का अंदाजा लगा लिया है क्योंकि इन लोगों ने उनसे अपील की है कि उन्हें श्रीलंका वापस भेजने की व्यवस्था की जाए। उपउच्चायुक्त ने कहा कि हमें लगता है कि यहां से उन्हें तुरंत बाहर निकालने की व्यवस्था करना सही होगा।
उधर, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत श्रीलंकाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के सभी उपाय करेगा।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मैं यहां कहना चाहता हूं कि भारत सरकार सभी संबंधित राज्य सरकारों से सलाह मशविरा कर रही है और सरकार ने भारत आए श्रीलंकाई प्रतिनिधियों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए हैं और आगे भी उठाएगी।’’ एक श्रद्धालु ने कहा, ‘‘बचपन से हम तमिल बोल रहे हैं। पिछले 15 साल से हम इस स्थल पर आ रहे हैं। हम बहुत दुखी हैं।’’ सोमवार की घटना के बाद श्रीलंका ने यात्रा सलाह जारी की थी और अगले आदेश तक अपने नागरिकों से तमिलनाडु की यात्रा नहीं करने के लिए कहा था।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री जे जयललिता ने रविवार को रॉयल कालेज की फुटबॉल टीम को वापस भेज दिया था। इस टीम को चेन्नई में सीमा शुल्क विभाग के खिलाफ मैत्रीपूर्ण मैच खेलना था।
श्रीलंका के साथ खेल संबंधो के मुद्दे पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता से बिल्कुल भिन्न रुख अपनाते हुए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम करुणानिधि ने कहा कि उनकी पार्टी वहां के रक्षाकर्मियों को भारत द्वारा प्रशिक्षण दिए जाने के बिल्कुल खिलाफ है लेकिन वह खिलाड़ियों की यात्रा के विरुद्ध नहीं है।
करुणानिधि ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जिस बात पर बल दे सकते हैं, वह यह है कि श्रीलंका के सैन्यकर्मियों का भारत में सैन्य प्रशिक्षण नहीं होना चाहिए क्योंकि सेना (सशस्त्र संघर्ष के दौरान) तमिल मूल के नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार है। हम इसी बात को लेकर आगे बढ़ते रहे हैं और संसद में हम दृढ़ता से इसका विरोध करते रहे हैं।’’
(इनपुट भाषा से भी)