श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं (फोटो : PTI))
खास बातें
- उमर बोले- 20 वर्षों में ऐसी चुनावी हिंसा नहीं देखी
- सरकारी इंतजाम पूरी तरह फेल दिखे
- महबूबा ने हिंसा पर जताया अफसोस
श्रीनगर: श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादियों ने आज से दो दिन का बंद बुलाया है. रविवार को हुई वोटिंग के दौरान कई जगहों पर लोगों ने पत्थरबाज़ी की, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों को फायरिंग करनी पड़ी. कई जगहों पर हिंसक भीड़ ने मतदान केंद्रों पर हमला कर दिया. सैकड़ों ईवीएम को तोड़ दिया गया. नतीजा महज़ 7 फीसदी मतदान हुआ. सबसे ज्यादा हिंसा बडगाम जिले में हुई. जहां पांच लोग मारे गए. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हिंसा में लोगों के मरने पर शोक जताते हुए कहा कि मरने वाले लोगों में अधिकतर किशोर थे, जो इस समस्या की जटिलता को अभी तक समझ भी नहीं पाए होंगे.
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर ने एक ऐसा हिंसक उपचुनाव देखा, जिसमें दो सौ से ज्यादा घटनाएं हुईं, आठ लोगों की जान चली गई, लगभग सौ मतदानकर्मी घायल हुए और वोटिंग हुई मात्र साढ़े छह फ़ीसदी. श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में ये सब हुआ, जहां सरकारी इंतज़ाम पूरी तरह फेल नजर आए.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनके 20 वर्षों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने ऐसी चुनावी हिंसा नहीं देखी. उन्होंने ट्वीट किया, 20 वर्षों मे छह चुनाव लड़ा, लेकिन कश्मीर में इस स्तर की चुनावी हिंसा नहीं देखी. उमर ने हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाया कि वह मतदान के अनुकूल वातावरण नहीं मुहैया करा पाईं. उमर ने कहा, महबूबा मुफ्ती इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। यह कुप्रबंधन है.
(इनपुट्स एजेंसी से भी)