श्रीनगर के मेयर ने कहा- कश्मीर की सड़कों पर लाशें नहीं दिख रहीं तो इसका यह मतलब नहीं है कि सब सामान्य है

श्रीनगर के मेयर जुनैद आजिम मट्टू ने कहा है कि भले ही कश्मीर की सड़कों पर लाशें ना दिख रही हों लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सब सामान्य है.

श्रीनगर के मेयर ने कहा- कश्मीर की सड़कों पर लाशें नहीं दिख रहीं तो इसका यह मतलब नहीं है कि सब सामान्य है

श्रीनगर के मेयर जुनैद आजिम मट्टू ने कहा कि सब सामान्य नहीं है

खास बातें

  • श्रीनगर के मेयर ने कहा- कश्मीर में हालात सामान्य नहीं
  • 'लाशें नहीं दिख रहीं तो इसका यह मतलब नहीं है कि सब सामान्य है'
  • मेयर ने नेताओं की गिरफ्तारी की केंद्र की नीति की आलोचना भी की
जम्मू-कश्मीर:

श्रीनगर के मेयर जुनैद आजिम मट्टू (Junaid Azim Mattu) ने कहा है कि भले ही कश्मीर की सड़कों पर लाशें ना दिख रही हों लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सब सामान्य है. यह आशा करना कि वहां सब सामान्य हो जाएगा, बहुत अवास्तविक बात है. बीजेपी (BJP) सरकार की हिरासत में लेने की नीति पूरी तरह से ऑपरेशनल है. नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद श्रीनगर और जम्मू के मेयरों को पिछले महीने एक केंद्रीय आदेश के अनुसार "राज्य मंत्री" के बराबर का दर्जा दिया था और इसे दो अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया था.

कश्मीर घाटी के 90 फीसदी हिस्से में दिन की पाबंदियां पूरी तरह से हटाई गईं 

मेयर जुनैद आजिम मट्टू जेकेपीसी के प्रवक्ता भी हैं. उन्होंने कश्मीर में मुख्यधारा के नेताओं की गिरफ्तारी की केंद्र की नीति की आलोचना भी की. सालों से, कश्मीर में राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आतंकवादियों द्वारा दी गई धमकियों और हिंसा का सामना किया लेकिन आज वे आज शिकार और शिकारी हैं. बता दें कि जेकेपीसी प्रमुख सज्जाद लोन भी जम्मू-कश्मीर पर केंद्र के फैसले के चलते हिरासत में लिए गए लोगों में से एक हैं. 

मट्टू ने कहा, 'अभी भी बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने प्यारे सदस्यों से बात नहीं कर पा रहे हैं. जम्मू कश्मीर पर लिए गए केंद्र के फैसले से अस्तित्व संबंधी संकट पैदा हो गया है. हम हमेशा हिंसा के खतरे के साथ रहते हैं, यह कोई नया परिदृश्य नहीं है. लेकिन मौलिक अधिकारों को वापस लेने को सही ठहराना कश्मीर में अलगाव का मूल आधार है.'

'न्यूयॉर्क टाइम्स' में इमरान खान के कश्मीर पर लिखे आर्टिकल को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कही यह बात...

बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जम्मू कश्मीर में प्रतिबंध लगाने की जरूरत को सही ठहराया था. बीते हफ्ते उन्होंने कहा था, 'आतंकियों को रोकने के लिए इस तरह के कदम उठाने जरूरी थे. हम ऐसा कैसे कर सकते हैं कि आतंकियों और उनके आकाओं के बीच कम्यूनिकेशन को रोक सकें और बाकी लोगों के लिए इंटरनेट खोल दें?' 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

VIDEO: जम्मू-कश्मीर में कब तक रहेगी फोर्स?