'कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा'- जमीयत उलेमा-ए-हिंद

मुसलमानों की शीर्ष संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) ने बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और घाटी में रहने वाले लोगों का कल्याण भारत के साथ एकीकरण में है.

'कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा'- जमीयत उलेमा-ए-हिंद

जमीयत उलेमा-ए-हिंद का प्रमुख महमूद मदनी

नई दिल्ली:

मुसलमानों की शीर्ष संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) ने बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और घाटी में रहने वाले लोगों का कल्याण भारत के साथ एकीकरण में है. जेयूएच ने यह प्रस्ताव यहां आयोजित अपनी सालाना बैठक में पारित किया. इसमें पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा गया कि विध्वंसकारी ताकतें और ‘पड़ोसी मुल्क' लोगों का इस्तेमाल करके कश्मीर को तबाह करने पर तुले हुए हैं.

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संगठन ने हालांकि कहा कि वह कश्मीर के लोगों की इच्छाओं, उनके आत्मसम्मान और अपनी सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने की उनकी मांग से अनजान नहीं हैं. जेयूएच ने कहा,‘‘...हमारा दृढ़ता से मानना है कि कश्मीर का कल्याण भारत के साथ उसके एकीकरण में है.''

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संगठन ने स्पष्ट कहा कि वह किसी अलगाववादी गतिविधि का कभी समर्थन नहीं कर सकता,‘‘...इसका मानना है कि इस प्रकार की गतिविधियां न केवल भारत के लिए बल्कि कश्मीर की जनता के लिए भी हानिकारक है.'' महमूद मदनी ने आगे कहा, ''कश्मीर हमारा था, हमारा है, हमारा रहेगा. जहां भारत है वहीं हम.''

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