जेब पर भारी, दिल की बीमारी

नई दिल्ली:

दिल की बीमारी खासकर हार्ट ब्लॉकेज के दौरान अक्सर मरीज को स्टेंट लगते हैं। इस बारे में आज टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में एक बेहद अहम खबर आई है, जिसके मुताबिक अस्पताल इस मामले में मनमाने पैसे वसूलते हैं। ड्रग इल्युटिंग स्टेंट, जिसे DES भी कहा जाता है, उसकी कीमत 40 हज़ार से ज्यादा नहीं होती, लेकिन इसके लिए अस्पतालों में 55 हज़ार से एक लाख 20 हज़ार रुपये तक लिए जाते हैं।

इतना ही नहीं अखबार की ओर से यह भी दावा किया गया है कि भारत में पिछले साल कई मरीजों को डॉक्टरों ने स्टेंट लगाया, जिनमें से ज्यादातर को इसकी जरूरत ही नहीं थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पिछले साल 6 लाख लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई थी, यानी स्टेंट बनाने वाली कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा बाज़ार है। कई राज्यों की ओर से ड्रग इल्युटिंग स्टेंट के दाम सेंट्रल गवर्मेंट हेल्थ स्कीम के तहत फिक्स किए गए थे। ये दाम कई मामलों में मात्र 20 हज़ार रुपये ही थे, लेकिन सरकारी कर्मचारियों से अलग लोगों को इसके लिए पांच गुणा तक कीमत चुकानी पड़ती है। ड्रग इल्युटिंग स्टेंट ऐसा स्टेंट है, जिस पर खास दवाई का लेप होता है, जो कि मरीज के खून को कई सालों तक पतला करना का काम करता है।

क्या होता है स्टेंट

  • धातु से बनी एक ऐसी जाली जो कि कमजोर नसों में खून के बहाव को बेहतर करती है
  • 8 मिमी से 38 मिमी तक हो सकती है स्टेंट की लंबाई
  • सबसे पहले 1986 में स्टेंट बाज़ार में आया
  • 1994 में पहली बार स्टेंट का इस्तेमाल किया गया


क्या है ड्रग इल्युटिंग स्टेंट
ड्रग इल्युटिंग स्टेंट आम स्टेंट से अलग होता है और इस पर खास दवाई का लेप किया गया होता है। ये दवाई कई सालों तक पीड़ित मरीज के खून को पतला कर नसों में इसके बहाव को नियंत्रित करती है।

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ड्रग इल्युटिंग स्टेंट की कीमत
ब्रिटेन में 1.2 लाख रुपये से 1.4 लाख रुपये के बीच खर्च
अमेरिका में 50 हज़ार से 2 लाख रुपये के बीच खर्च
भारत में 55 हज़ार से 1 लाख 20 हज़ार के बीच खर्च