बंगला साहिब गुरुद्वारे में सुजोक थेरेपी से ईलाज कराने पहुंचे हजारों लोग

दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में सुजोक थेरेपी से हजारों की तादात में रोगी ईलाज कराने पहुंचे. रंगीन पेन और छल्लों से कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए 23 देशों के सुजाक विशेषज्ञ इकट्ठा हुए.

खास बातें

  • दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में सुजोक थेरेपी कैंप लगाया गया.
  • बंगला साहिब में 23 देशों के सुजाक विशेषज्ञ इकट्ठा हुए.
  • 250 सुजोक विशेषज्ञों को इस थेरैपी से उपचार करने के लिए बुलाया गया था.
नई दिल्ली:

दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में सुजोक थेरेपी से हजारों की तादात में रोगी ईलाज कराने पहुंचे. रंगीन पेन और छल्लों से कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए 23 देशों के सुजाक विशेषज्ञ इकट्ठा हुए. बंगला साहिब में कोरिया, रूस और अमरीका से आए करीब 250 जानकार इलाज में जुटे हैं. सुजोक थरेपी के करीब एक लाख विशेषज्ञ भारत में है. दरअसल सुजोक थरेपी मूलतौर पर कोरिया के ईलाज की पद्धति है. जानकारों का दावा है कि हाथों और पैरों के खास बिंदुओ को दबाने से  भीतरी अंगों पर प्रभाव पड़ता है. जिससे बिना किसी साइड इफेक्ट के कई तरह के रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है. इस थेरपी में दाल के दाने, रंगीन पेन और चुंबकीय छल्ले का प्रयोग किया जाता है. लेकिन उपचार की ये पद्धति कितनी कारगर है ये ठीक होने वाले लोग ही ज्यादा बता सकते हैं. 

बंगला साहिब गुरुद्वारे में सुजोक थेरेपी कैंप अंतरराष्ट्रीय सुजोक एसोसियशन द्वारा लगाया गया. दो दिवसीय कैंप में हजारों लोगों ने इस कोरियन थेरैपी का निशुल्क लाभ लिया. बता दें कि संयुक्त रूप से भारत सहित 23 देशों के तकरीबन 250 सुजोक विशेषज्ञों को इस थेरैपी से उपचार करने के लिए बुलाया गया था. कोरिया, रशिया, यूरोप, अमेरिका, यूएई, से आये विशेषज्ञों ने कैम्प में आये रोगियों को सुजोक थेरैपी दी.

दरअसल सुजोक थेरैपी बिना किसी हानि के किया जाने वाला उपचार है. सुजोक का अविष्कार कोरिया में हुआ था जो हांथों और पैरों के बिंदु से जुड़ी पद्धति है. मानव शरीर के हांथों और पैरों के बिंदुओं को दबाने से शरीर के आंतरिक अंगों पर इसका प्रभाव पड़ता है. सुजोक थेरैपी से बिना किसी साइड इफेक्ट के कैंसर से लेकर जैनेटिक रोगों को ठीक करने का दावा किया जा रहा हैं.

इंटरनेशल सुजौक असोसिएशन के ग्लोबल प्रसिडेंट डॉक्टर पार्क मिनचुल का कहना है कि 1991 में सुजौक थेरैपी भारत में आई और इस 30 साल के भीतर 1 लाख सुजौक के डॉक्टर भारत में मौजूद हैं. सुजौक शरीर में रोगों के उपचार की हानि रहित वो पद्धति है जो आजकल की महंगी एलोपैथिक दवाओं का विकल्प है. सुजौक से उपचार का तरीका सस्ता ओर आसान भी है. इस तरह के कैंप के आयोजन से इस कोरियन उपचार के बारे में लोग जानेगें साथ ही अपने रोगों का इलाज खुद ही कर सकेंगे.

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VIDEO- दिल्ली में जुटे सुजोक थेरेपी विशेषज्ञ, हजारों रोगी पहुंचे

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