दिल्‍ली-एनसीआर के लिए प्रदूषण कोड को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

दिल्‍ली-एनसीआर के लिए प्रदूषण कोड को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए एक प्रदूषण कोड को मंजूरी दे दी. कोर्ट ने केंद्र से प्रदूषण कोड अधिसूचित करने को कहा है. अब केंद्र सरकार इस ग्रेड प्रणाली को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी करेगी और इपीसीए- एनवायमेंट पॉल्‍यूशन कंट्रोल अथॉरिटी इस बात की निगरानी करेगी कि दिल्‍ली सरकार, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्‍ली ट्रैफिक पुलिस ने इसे कैसे लागू किया. इस प्रदूषण कोड के तहत दिल्‍ली एनसीआर में प्रदूषण की चार कैटेगरी - खराब, बहुत खराब, गंभीर और काफी गंभीर तय की गई हैं.

ग्रेगेड सिस्टम को चार भागों में बांटा गया है.
1. Severe or Emergency
इस नए ग्रेडिंग सिस्‍टम के अनुसार अगर जब हवा में पीएम 2.5 का स्‍तर 300 माइक्रोग्राम प्रति क्‍यूबिक मीटर या पीएम 10 की मात्रा अगर 500 माइक्रोग्राम प्रति क्‍यूबिक मीटर को पार कर जाए और ये स्थिति 48 घंटे या उससे ज्‍यादा के लिए बनी रहे तो ये उपाय किए जाएं
- डीजल ट्रकों का प्रवेश रोक दिया जाए (जरूरी वस्‍तुओं के अलावा)
- निजी वाहनों के लिए ऑड ईवन योजना शुरू की जाए
- निर्माण गतिविधियों को रोक दिया जाए
- टास्‍क फोर्स स्‍कूलों को बंद करने समेत अन्‍य कदम उठाए

2. Severe कैटेगरी के तहत PM 2.5 की मात्रा 250 माइक्रोग्राम प्रति क्‍यूबिक मीटर से ऊपर या PM10 अगर 430 माइक्रोग्राम प्रति क्‍यूबिक मीटर से ऊपर हो तो ये उपाय किए जाएं...
- ईंटों के भट्ठे बंद होंगे
- हॉट मिक्स प्लांट बंद होंगे
- बदरपुर पावर प्लांट बंद होगा
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाया जाएगा
- सड़कों की मैकेनाइज्ड सफाई बढ़ाई जाएगी और पानी का छिड़काव होगा

3.  Very poor - जब PM 2.5 121-250 के बीच में रहे और PM10 351-430 के बीच में हो...
- डीजल जनरेटर सेट बंद होंगे
- पार्किंग फीस 3-4 गुणा बढ़ाई जाएगी
- बस और मेट्रो सर्विस बढ़ाई जाएगी
- होटल और खुले खाने पीने वाली जगह में कोयले और लकड़ी के जलाने पर रोक होगी
- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और कॉलोनी के लोग सर्दियों में चौकीदार को बिजली का हीटर देंगे
- टीवी और अखबारों में दिल के मरीजों और दूसरे लोगों को अलर्ट करेंगे

4. Moderate to poor category
अगर PM 2.5 का स्‍तर 91-120 के बीच हो या PM10 का स्‍तर 251-350 के बीच हो तो...
- कूड़ा जलाना बंद करें
- थर्मल प्रदूषण नियंत्रण लगू करें

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया है कि केंद्र एनसीआर के कारखानों में पेट्रो कोक और फर्नेस ऑयल के इस्‍तेमाल की भी जांच करे. इनका इस्‍तेमाल कारखानों और जनरेटर में किया जाता है और इनसे भारी मात्रा में प्रदूषण होता है. केंद्र को 4 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. कोर्ट अब जनवरी के दूसरे सप्‍ताह में मामले की अगली सुनवाई कोरेगा.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com