सुप्रीम कोर्ट ने सहारा से पूछा, कहां से लाओगे 30 हजार करोड़

नई दिल्ली:

निवेशकों के रुपये न लौटाने के मामले में तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत राय पर खुद सुप्रीम कोर्ट भी सवाल उठा रहा है। अब कोर्ट ने पूछा है कि जब सहारा प्रमुख जमानत के लिए 10 हजार करोड़ रुपये नहीं जुटा पा रहे हैं, तो वह बाहर आने के बाद 30 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम कैसे करेंगे।

सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 4 मार्च को जेल भेजा था। इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सुब्रत राय पांच हजार करोड़ की राशि और इतनी ही बैंक गारंटी देकर जमानत पर बाहर आ सकते हैं। राय की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें विदेशी संपत्ति बेचने की इजाजत दी थी और विदेशी खरीदारों से सौदा करने के लिए तिहाड़ कोर्ट परिसर में रहने की अनुमति दी थी, जहां से वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लोगों से बात कर सकें।

इसी मामले को लेकर सहारा के वकीलों ने मंगलवार को इस सुविधा को छह हफ्ते और बढ़ाने की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि हैरानी की बात है कि जब सहारा अपने चेयरमैन की जमानत के लिए 10 हजार करोड़ रुपये नहीं दे पा रहा है और उसके लिए संघर्ष कर रहा है तो फिर 30 हजार करोड़ कैसे चुकाएगा। हालांकि राय के वकीलों ने कहा कि फिलहाल जमानत राशि का इंतजाम करने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए सहारा प्रमुख को चार से छह हफ्ते का और वक्त दिया जाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद इस केस में एमिकस क्यूरी शेखर नफाड़े से एसेट मैनेजमेंट एजेंसी के बारे में भी पूछा। कोर्ट ने कहा था कि सहारा का संपत्ति बेचने के लिए इसी तरह की एजेंसी की ज़रूरत है। सहारा की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट जल्द ही सुनवाई करेगा। सहारा प्रमुख की जेल परिसर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा 20 फरवरी को खत्म हो रही है।