जम्‍मू-कश्‍मीर में मूवी देखने वाले अब साथ नहीं ले जा सकेंगे खाने-पीने की चीज

जम्मू कश्मीर में अब सिनेमा देखने वाले  मल्टीप्लेक्स थिएटर में अपना खाने पीने का सामान नहीं ले जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.

जम्‍मू-कश्‍मीर में मूवी देखने वाले अब साथ नहीं ले जा सकेंगे खाने-पीने की चीज

फाइल फोटो

खास बातें

  • मल्टीप्लेक्स थिएटर में अपना खाने पीने का सामान नहीं ले जा सकेंगे
  • जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है
  • पांच सितारा होटल में कोई अपनी व्हिस्की लेकर जाए और वहां सोडा की मांग करें
नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर में अब सिनेमा देखने वाले  मल्टीप्लेक्स थिएटर में अपना खाने पीने का सामान नहीं ले जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. इस मामले की सुनवाई के दौरान मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट जा आदेश तो कुछ ऐसा ही है जैसे पांच सितारा होटल में कोई अपनी व्हिस्की लेकर जाए और वहां सोडा की मांग करें. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन की याचिका में कहा गया कि दर्शक अपने खाने के नाम पर क्या लाएंगे इसकी कोई गारंटी नहीं. इससे सुरक्षा को गम्भीर खतरा है.

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इससे पहले बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि मल्टीप्लेक्सों में बाहर से खाने की चीजों को ले जाने की इजाजत देने से सुरक्षा को खतरा कैसे हो सकता है.  न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और अनुजा प्रभुदेसाई की पीठ कल दायर किए गए राज्य सरकार के हलफनामे पर प्रतिक्रिया दे रही थी. इसमें कहा गया है कि मल्टीप्लेक्सों में बाहर से खाने की चीजों को लाने पर लगाई गई रोक में वह हस्तक्षेप करना जरूरी नहीं समझती है क्योंकि इससे ‘अव्यवस्था’ या ‘सुरक्षा संबंधी मसले’ पैदा हो सकते हैं. पीठ ने रेखांकित किया कि अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को घर से या बाहर से खाने की चीजें ले जाने पर रोक नहीं है.    

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अदालत ने कहा कि सरकार का हलफनामा कहता है कि इस तरह का कोई कानून या नियम नहीं है जो सिनेमा हॉल में लोगों को बाहर से खाने-पीने की चीजों को ले जाने से रोकता हो. हाईकोर्ट ने कहा ‘थिएटरों में खाने की चीज़ें ले जाने से किस तरह की सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं? लोगों के सिनेमा हॉल के अलावा किसी भी अन्य सार्वजनिक स्थान पर खाने का सामान ले जाने पर रोक नहीं है.’ पीठ ने जानना चाह, ‘अगर लोगों को घर का खाना विमान में ले जाने की इजाजत दी जा सकती है तो थिएटरों में क्यों नहीं?’ 

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उन्होंने पूछा, ‘आपको किस तरह की सुरक्षा संबंधी समस्याओं का अंदेशा है?’ अदालत ने मल्टीप्लेक्स ओनर्स असोसिएशन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील इकबाल चागला की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि कोई सिनेमाघरों के अंदर खाना ले जाने की इजाजत मांगने के लिए अपने मौलिक अधिकारों का हवाला नहीं दे सकता है. पीठ ने कहा, ‘मल्टीप्लेक्सों में खाना बहुत महंगा बेचा जाता है. घर से खाना लाने पर रोक लगाकर आप परिवारों को जंक फूड खाने के लिए मजबूर कर रहे हैं.’ अदालत में वकील आदित्य प्रताप की जरिए जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें मल्टीप्लेक्सों में बाहर से खाना लाने पर रोक को हटाने की मांग की गई है.

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