SC ने केंद्र को कहा, यौन उत्पीड़न कानून के क्रियान्वयन पर NGO के सुझावों पर गौर करें

उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र को कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के रोकथाम के लिए कानून के अनुपालन पर एक एनजीओ के सुझावों पर गौर करने को कहा.

SC ने केंद्र को कहा, यौन उत्पीड़न कानून के क्रियान्वयन पर NGO के सुझावों पर गौर करें

सुप्रीम कोर्ट

खास बातें

  • SC ने केंद्र को एनजीओ के सुझावों पर गौर करने को कहा
  • यौन उत्पीड़न कानून के क्रियान्वयन पर दिए थे सुझाव
  • सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल तक जवाब देने को कहा
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र को कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के रोकथाम के लिए कानून के अनुपालन पर एक एनजीओ के सुझावों पर गौर करने को कहा. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र को दिल्ली के एनजीओ इंनिशिएिटव फोर इनक्लूशन फाउंडेशन की याचिका पर 19 अप्रैल तक जवाब देने को कहा. 

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एनजीओ ने दावा किया है कि कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं. उसने कार्यस्थल यौन उत्पीड़न (रोकथाम और पाबंदी) अधिनियम को तत्काल उपुयक्त तरीके से लागू करने की मांग की. उसका कहना था कि जिला स्तर पर में स्थानीय अधिकारी एवं शिकायत समितियों नहीं नियुक्त की जा रही हैं. ऐसे में पीड़िताओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए उपयुक्त मंच नहीं मिलता.

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