आधार को योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाने के मामले में SC की पांच जजों की पीठ कल करेगी सुनवाई

पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि सरकार जिन लोगों के पास आधार नहीं है, उनके लिए डेडलाइन 31 दिसंबर 2017 से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर रही है. इसके लिए शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी होगा.

आधार को योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाने के मामले में SC की पांच जजों की पीठ कल करेगी सुनवाई

आधार को योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ कल करेगी सुनवाई (फाइल फोटो)

खास बातें

  • अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, डेडलाइन 31 मार्च 2018 तक बढ़ाई
  • मोबाइल से आधार को जोडने की डेडलाइन 6 फरवरी 2018 तक
  • सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ करेगी गुरुवार को सुनवाई
नई दिल्ली:

विभिन्न योजनाओं में आधार को अनिवार्य करने को लेकर चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ अंतिम रोक के लिए गुरुवार को सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि सरकार जिन लोगों के पास आधार नहीं है, उनके लिए डेडलाइन 31 दिसंबर 2017 से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर रही है. इसके लिए शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि मोबाइल से आधार को जोडने की डेडलाइन 6 फरवरी 2018 है जो कि सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश के तहत है, इसलिए इसे बढ़ाया नहीं जा सकता. 

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वहीं याचिकाकर्ता की ओर से श्याम दीवान ने कोर्ट से कहा कि जिन लोगों के पास आधार हैं और वो इसे लिंक नहीं करना चाहते. सरकार उनके लिए डेडलाइन नहीं बढ़ा रही है. इसलिए अंतरिम रोक लगाने के लिए अगले हफ्ते इस पर सुनवाई होनी चाहिए. दरअसल याचिकाकर्ताओं की ओर से केस को मेंशन किया गया और बताया गया कि आधार मामले की नवंबर के आखिरी हफ्ते में सुनवाई होनी थी. अब इस मामले को कम से कम अंतरिम आदेश जारी करने के लिए जल्द सुनवाई की जाए. 

वहीं पिछली सुनवाई में केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन कानून को लेकर बनाई गई कमेटी अपने सुझाव 6 हफ्ते में देगी. ऐसे में जनवरी में मामले की सुनवाई हो. सरकार योजनाओं के लिए डेडलाइन बढाने को तैयार है. इस दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने इसका विरोध किया और कहा कि सरकार सिर्फ कल्याणकारी योजनाओं के लिए डेडलाइन बढाना चाहती है लेकिन अन्य के लिए नहीं. दो जजों की बेंच ने मामलों को जोडते हुए यही आदेश दिए थे कि अगर नवंबर के आखिरी में सुनवाई पूरी ना हो तो याचिकाकर्ता कोर्ट में अंतरिम रोक की मांग कर सकते हैं. इसलिए मामले की सुनवाई अगले हफ्ते हो.

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चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस पर कहा कि वो इस पर विचार करेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच  ने मोबाइल फोन और बैंक खातों से आधार को लिंक करने के खिलाफ कल्याणी मेनन, मैथ्यू थॉमस, तहसीन पूनावाला अन्य की याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मामले को मुख्य मामले के साथ जोड दिया था. मामलों की सुनवाई संविधान पीठ के सामने होगी.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए के सीकरी की बेंच ने 13 नवंबर को नोटिफिकेशन पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि चूंकि मामले की अंतिम सुनवाई नवंबर में तय है और बैंकों के लिए डेडलाइन 31 दिसंबर है इसलिए अभी कोई अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है कि अगर डेडलाइन 31 दिसंबर तक मामले की सुनवाई पूरी ना हो तो इस पर रोक के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की जा सकती है.  वहीं सुनवाई के दौरान केंद्र  की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा था कि मोबाइल नंबर के लिए 6 फ़रवरी 2018 और पुराने बैंक एकाउंट को लिंक करने के लिए डेडलाइन 31 दिसम्बर है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वो पुराने बैंक एकाउंट को आधार से अनिवार्य रूप से लिंक करने की तारीख 31 दिसंबर से 31 मार्च कर सकती है लेकिन ये तय नहीं है.

याचिकाकर्ता की ओर से श्याम दीवान और अरविंद दातार ने कोर्ट को बताया था कि बैंकों से मैसेज भेजे जा रहे हैं कि आधार से लिंक कराया जाए. जिनके 30-40 साल पुराने अकाउंट हैं, उनके खिलाफ पीएमएलए एक्ट में कैसे कार्रवाई जा सकती है ?  वहीं अन्य याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि मोबाइल कंपनियां भी ऐसे ही मैसेज भेज रही हैं. कॉल के वक्त ये कहा भी जाता है।  कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि मैसेज में डेडलाइन के बारे में जानकारी दी जाए. 

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दरअसल बैंक खातों और मोबाइल नंबर से आधार नंबर को जोडने के अनिवार्य नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि ये नियम संविधान में अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत दिए मौलिक अधिकारों को खतरे में डालते हैं. 

 


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