यह ख़बर 09 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट ने जगन मोहन रेड्डी की जमानत अर्जी खारिज की

खास बातें

  • आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी करीब एक साल से जेल में बंद हैं।
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में वाईएसआर प्रमुख जगनमोहन रेड्डी का जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनकी रिहाई मामले की जांच को बाधित कर सकती है।

न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह भी कहा कि अगर जगनमोहन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो सबूतों से छेड़छाड़ होने गवाहों को फुसलाए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

पीठ ने यह भी कहा कि वाईआरएस प्रमुख के खिलाफ जो मामले चल रहे हैं, उनमें सीबीआई को जांच अभी पूरी करनी है। न्यायालय ने सीबीआई से कहा कि वह चार महीने के भीतर जांच पूरी करके आरोप पत्र दायर करे। न्यायालय ने कहा कि आरोपपत्र दाखिल होने के बाद जगनमोहन जमानत के लिए निचली अदालत से गुहार करने के लिए स्वतंत्र होंगे। न्यायालय ने यह भी कहा कि संबद्ध निचली अदालत इस फैसले से प्रभावित हुए बिना उनकी जमानत पर विचार करेगी।

इससे पहले, आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय ने 24 जनवरी को जगनमोहन को जमानत देने से इनकार कर दिया था। वाइएसआर प्रमुख ने उच्च न्यायालय के इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

सीबीआई ने जगनमोहन को पिछले साल 27 मई को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस समय वह हैदराबाद की चंचलगुड़ा केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल अक्तूबर में भी यह कहते हुए रेड्डी का जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि इस मामले के कुछ पहलुओं पर सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद ही वह निचली अदालत में जमानत के लिए आवेदन दे सकते हैं। सीबीआई ने उस समय अदालत में कहा था कि वह सैंदूर पावर, भारती..रघुराम सीमेन्ट्स, डालमिया सीमेन्ट्स, इंडिया सीमेन्ट्स और कोलकाता की सूटकेस कंपनियों के खिलाफ अंतिम आरोपपत्र दाखिल करेगी। जांच एजेंसी ने कहा था कि यह आरोपपत्र लेपाक्षी नॉलेज हब प्रोजेक्ट और इन्दू प्रोजेक्ट सहित रेड्डी की कंपनियों को कथित तौर पर धन देने के सिलसिले में दाखिल किया जाएगा।

एजेंसी ने कडप्पा के सांसद जगनमोहन और अन्य लोगों के खिलाफ कई आरोपपत्र दाखिल किए हैं।

उसका आरोप है कि जगनमोहन और उनके दिवंगत पिता तथा आंधप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने सरकार से जालसाजी करने की साजिश रची थी। उसका यह भी आरोप है कि जगनमोहन ने अपने पिता को कथित तौर पर इस बात के लिए राजी किया कि उनके (जगन के) कारोबार में करोड़ों रुपये का निवेश करने वालों को वे उपकृत करें।

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जांच एजेंसी कई मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ भी जांच कर रही है। इनमें से कुछ मंत्री वाईएसआर रेड्डी के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं।