SC ने कहा- कौन विश्‍वास करेगा ताजमहल वक्‍फ बोर्ड की संपत्ति, कोर्ट ने कहा- शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज दिखाएं

ताजमहल के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में ये कौन विश्वास करेगा कि ताज़महल वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति है.

SC ने कहा- कौन विश्‍वास करेगा ताजमहल वक्‍फ बोर्ड की संपत्ति, कोर्ट ने कहा- शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज दिखाएं

ताजमहल की फाइल फोटो

खास बातें

  • इस तरह के मामलों से सुप्रीम कोर्ट का समय जाया नहीं करना चाहिए
  • बोर्ड के पक्ष में शाहजहां ने ही ताजमहल का वक्फनामा तैयार करवाया था
  • इस पर बेंच ने कहा कि आप हमें शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज दिखा दें
नई दिल्ली:

ताजमहल के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में ये कौन विश्वास करेगा कि ताज़महल वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति है. इस तरह के मामलों से सुप्रीम कोर्ट का समय जाया नहीं करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ये टिप्पणी ASI की याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें ASI ने 2005 के उत्तर प्रदेश सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के फ़ैसले को चुनोती दी है, जिसमें बोर्ड ने ताजमहल को वक़्फ़ बोर्ड के संपति घोषित कर दी थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुगलकाल का अंत होने के साथ ही ताजमहल समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतें अंग्रेजों को हस्तांतरित हो गई थी. आजादी के बाद से यह स्मारक सरकार के पास है और एएसआई इसकी देखभाल कर रहा है. बोर्ड की ओर से कहा गया कि बोर्ड के पक्ष में शाहजहां ने ही ताजमहल का वक्फनामा तैयार करवाया था. इस पर बेंच ने तुरंत कहा कि आप हमें शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज दिखा दें. बोर्ड के आग्रह पर कोर्ट ने एक हफ्ते की मोहलत दे दी.

दरअसल, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आदेश जारी कर ताज महल को अपनी प्रॉपर्टी के तौर पर रजिस्टर करने को कहा था. एएसआई ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. इस पर कोर्ट ने बोर्ड के फैसले पर स्टे लगा दिया था. मोहम्मद इरफान बेदार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर ताजमहल को उत्तर प्रदेश सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की सम्पति घोषित करने की मांग की थी, लेकिन हाई कोर्ट में कहा कि वक़्फ़ बोर्ड जाए.

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मोहम्मद इरफान बेदार ने 1998 में वक़्फ़ बोर्ड का के समक्ष याचिका दाखिल कर ताज़महल को बोर्ड की सम्पति घोषित करने की मांग की. बोर्ड ने ASI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और ASI ने अपने जवाब में इसका विरोध किया और कहा कि ताजमहल उनकी सम्पत्ति है. लेकिन बोर्ड ने ASI की दलीलों को दरकिनार करते हुए ताज़महल को बोर्ड की सम्पति घोषित कर दी थी.

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