ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल पर बैंगलौर क्लब का 13 रुपये आज भी बकाया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिलचस्प फैसले में बताया है कि ग्रेट ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर विंस्टन चर्चिल पर बैंगलोर क्लब का 13 रुपए आज भी बकाया है.

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल पर बैंगलौर क्लब का 13 रुपये आज भी बकाया

1868 में ब्रिटिश अधिकारियों के समूह ने बैंगलोर क्लब की स्थापना की थी.

खास बातें

  • विंस्टन चर्चिल पर 13 रुपए बकाया
  • सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में बताया
  • बैंगलोर क्लब ने 1889 में डिफॉल्टर लिस्ट में डाला था
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को दिलचस्प फैसले में बताया है कि ग्रेट ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर विंस्टन चर्चिल (Sir Winston Churchill) पर बैंगलोर क्लब का 13 रुपय आज भी बकाया है. दरअसल, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच ने बेंगलुरु के सबसे पुराने क्लबों में से एक 'बैंगलोर क्लब' द्वारा वेल्थ टैक्स एक्ट के तहत टैक्स के भुगतान के मामले में फैसले में ये जानकारी दी है. फैसले में यह भी कहा गया है कि 'बैंगलोर क्लब' वेल्थ टैक्स एक्ट के तहत टैक्स भुगतान करने के लिए उत्तरदाई नहीं है. बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट  के फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें इसके विपरीत फैसला दिया गया था.

कोर्ट ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि 'बैंगलौर क्लब' व्यक्तियों का एक संघ है, न कि इसे एक ऐसे व्यक्ति द्वारा बनाया गया है जो आकलन योग्य है. यह स्पष्ट है कि धन कर अधिनियम की धारा 21AA वर्तमान मामले के तथ्यों पर बहुत प्रभावी नहीं है.'

इस मामले में, आयकर प्राधिकारी ट्रिब्यूनल ने राजस्व प्राधिकरण द्वारा मूल्यांकन के आदेश को रद्द करते हुए, यह माना था कि धन कर अधिनियम की धारा 21AA बैंगलोर क्लब के लिए लागू नहीं होगी लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ITAT के आदेश को रद्द कर दिया.

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क्लब द्वारा दायर अपील पर विचार करते हुए जस्टिस  आरएफ नरीमन ने क्लब का इतिहास बताया कि 1868 में, ब्रिटिश अधिकारियों के एक समूह ने बैंगलोर क्लब को एक साथ शुरू किया था. 1899 में, लेफ्टिनेंट विंस्टन चर्चिल को क्लब के डिफाल्टरों की सूची में नंबर 17 पर रखा गया, जिन पर क्लब का 13 रुपये का बिल बताया गया था. 'बिल' कभी 'एक्ट' नहीं बना. आज तक यह राशि बकाया है. लेफ्टिनेंट सर विंस्टन लियोनार्ड स्पेंसर चर्चिल, ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने और बैंगलोर क्लब का अस्तित्व अभी भी बरकरार है.