दही-हांडी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट तय करेगा 'गोविंदा' की उम्र, पढ़ें पूरा मामला

अब हाईकोर्ट तय करेगा कि 15 अगस्त को होने वाली दही हांडी में गोविंदा की उम्र 18 साल से कम हो सकती है या नहीं.

दही-हांडी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट तय करेगा 'गोविंदा' की उम्र, पढ़ें पूरा मामला

दही हांडी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट करेगा सुनवाई

खास बातें

  • गोविंदा की उम्र पर बॉम्बे हाईकोर्ट लेगा फैसला
  • दही हांडी की ऊंचाई को लेकर भी फैसला
  • बॉम्बे हाईकोर्ट नए सिरे से करेगा सुनवाई
मुंबई:

महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को केस पर दोबारा सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. 7 अगस्त को हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को महाराष्ट्र सरकार के सुरक्षा को लेकर दाखिल हलफनामे के आधार पर नए सिरे से सुनवाई करने को कहा है. अब हाईकोर्ट तय करेगा कि 15 अगस्त को होने वाली दही हांडी में गोविंदा की उम्र 18 साल से कम हो सकती है या नहीं. या दही हांडी की ऊंचाई 20 फुट से ज्यादा हो सकती है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट जब इस मामले की सुनवाई करेगा तो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के पुराने आदेश उसके रास्ते में नहीं आएंगे. 

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि पुलिस कमिश्नर ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनके तहत सभी दाही हांडी आयोजनों के लिए गद्दों और मेट्रेस की लेयर का इंतजाम हो. हिस्सा लेने वाले गोविंदा का बीमा हो और उन्हें चेस्ट गार्ड हेलमेट और सेफ्टी बेल्ट मुहैया कराई जाए. सभी हिस्सा लेने वालों का पंजीकरण हो. हर आयोजन स्थल पर नाइलोन की रस्सी का मजबूत जाल तैयार रहे. आयोजन स्थल पर फर्स्ट एड और एंबुलेंस तैयार रहे.जख्मी होने पर गोविंदा को तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए और फौरन अस्पताल भेजा जाए. गोविंदा के लिए दिए जाने वाले वाहन में किसी तरह की लाठी या हथियार ना हो .शराब पिए व्यक्ति को आयोजन में हिस्सा न लिया जाने दिया जाए. आयोजन के लिए तैयार स्टेज पूरी तरह मजबूत हो और ज्यादा लोगों को स्टेज पर ना चढ़ाया जाए. पानी में किसी तरह के नुकसानदेह कैमिकल न मिलाए जाएं. आयोजन के लिए निगम, पुलिस, फायर और अन्य संबंधित विभागों से पहले अनुमति ली जाए.

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इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 18 साल से कम उम्र के बच्चों को भाग लेने की इजाजत मांगी थी. सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ये इजाजत दे दे कि सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि इन बच्चों के साथ कोई दुर्घटना ना हो. सरकार यह भी देखेगी कि बच्चों के लिए क्रेन आदि का इस्तेमाल हो. सरकार ने कहा कि दही-हांडी 15 अगस्त को होना है इसलिए कोर्ट अपने आदेशों में नरमी बरते. 

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह क्या-क्या कदम उठाएगी इसके लिए एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे.
महाराष्ट्र में दही-हांडी मामले पर सुनवाई करते हुए पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि दही-हांडी की ऊंचाई 20 फुट से ज्यादा नहीं बढ़ेगी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि बच्चों पर रोक के लिए वह तैयार हैं, लेकिन 20 फुट की ऊंचाई पर रोक हटाई जानी चाहिए. देश-विदेश में दही-हांडी प्रसिद्ध है और पिरामिड की ऊंचाई को लेकर गिनीज बुक रिकॉर्ड भी मिल चुका है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि क्या आप ओलिंपिक में मेडल भी लाते हैं. अगर आप मेडल लाएंगे तो हमें खुशी होगी.

गौरतलब है कि पिछले साल 17 अगस्त को महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था और बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था. इसके मुताबिक, इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे भाग नहीं लेंगे और दही हांडी की ऊंचाई 20 फुट से ज्यादा नहीं रहेगी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह मामले की अक्तूबर में सुनवाई जारी रखेगा.

इससे पहले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दही हांडी के खिलाफ याचिकाकर्ता स्वाती पाटिल को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पुरानी याचिका का निस्तारण हो चुका है. याचिका को दोबारा शुरू किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र सरकार की दही-हांडी के मामले में दाखिल अर्जी पर सुनवाई कर रहा था.

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 2014 के आदेशों में स्पष्टता देने की गुहार लगाई थी, जिसमें 12 साल तक के बच्चों को दही-हांडी में हिस्सा लेने की इजाजत दी गई थी और साथ ही हाईकोर्ट के 20 फुट की ऊंचाई सीमित करने के आदेश पर रोक लगा दी थी. सरकार का कहना है कि क्या यह आदेश एक साल के लिए था या अभी भी लागू है?

महाराष्ट्र सरकार की ओर से ASG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 11 अगस्त 2014 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 18 साल से कम के युवक दही-हांडी में हिस्सा नहीं ले सकते और इसकी ऊंचाई भी 20 फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. आयोजकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए 12 साल तक के बच्चों को हिस्सा लेने की इजाजत दे दी थी और ऊंचाई के आदेश पर भी रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका का निस्तारण कर दिया.


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