सुप्रीम कोर्ट का फैसला: अब ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को मिलेगा पेंशन

ग्रामीण बैंक में काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार यह कहकर पेंशन नहीं दे रही थी कि ग्रामीण बैंक घाटे में चल रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: अब ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को मिलेगा पेंशन

ग्रामीण बैंक की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने  ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों राहत देते हुए सरकार को 90 दिन के अंदर पेंशनधारकों को पेंशन देने को कहा है. कोर्ट के इस फैसले से एक लाख से भी अधिक कर्मचारियों को फ़ायदा होगा. ग्रामीण बैंक में काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार यह कहकर पेंशन नहीं दे रही थी कि ग्रामीण बैंक घाटे में चल रहे हैं. 2003 ग्रामीण बैंकों के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बीते लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे थे. 20 मार्च को देश भर से आए कर्मचारिओं ने राजधानी में संसद मार्ग पर धरना भी दिया था. कर्मचारियों के इस प्रदर्शन को एनडीटीवी ने लगातार कवर किया था और उन्हें उनका हक देने की मांग भी की थी. सुप्रीम कोर्ट के अब इस निर्णय के बाद ग्रामीण बैंक के कर्मचारी काफी राहत महसूस कर रहे हैं और खुश हैं. 

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गौरतलब है कि ग्रामीण बैंकों की स्थापना 2 अक्टूबर 1975 को की गई थी. इन बैंकों का मकसद ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवा को बहाल करना था. अन्य इंडस्ट्री में 1993 से पेंशन सेवा शुरू की गई लेकिन ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को पेंशन तब भी नहीं दिया गया. इसके बाद बैंक के कर्मचारियों ने जून 2003 को पेंशन लागू करने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की.

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इस मामले में मार्च 2011 को कर्नाटक हाई कोर्ट ने में कर्मचारियों के पक्ष में फैसला देते हुए सरकार को पेंशन लागू करने के लिए कहा. वहीं अगस्त 2012 में राजस्थान हाई कोर्ट ने भी अपने निर्णय में कहा था की ग्रामीण बैंकों की कर्मचारियों की पेंशन 90 दिन के अंदर लागू की जाए लेकिन सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.

VIDEO: अपने काम के अलावा भी अन्य काम करने में व्यस्त हैं बैंकर.


आखिरकार बुधवार को सरकार की याचिका ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिन के अंदर पेंशन लागू करने के लिए कहा है.


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