आंध्र हाईकोर्ट के रिटायर जज की याचिका पर SC ने अपना फैसला सुरक्षित रखा

मामला कथित रूप से राज्य की नई राजधानी क्षेत्र में भूमि सौदों को लेकर भ्रष्टाचार से संबंधित थी. आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश और निलंबित न्यायिक अधिकारी के बीच हुई इस कथित वार्ता की जांच का निर्देश 13 अगस्त, 2020 को दिया था.

आंध्र हाईकोर्ट के रिटायर जज की याचिका पर SC ने अपना फैसला सुरक्षित रखा

प्रतीकात्‍मक फोटो

खास बातें

  • जज ने आंध्र हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल की है याचिका
  • हाईकोर्ट ने उनकी कथित निजी बातचीत की जांच के दिए थे आदेश
  • शीर्ष कोर्ट ने रिटायर जज को हलफनामा दाखिल करने को कहा था
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) के सेवानिवृत्त जज की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. जज ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें कथित तौर पर उनकी और आंध्र प्रदेश के एक निलंबित जिला मुंसिफ मजिस्ट्रेट के बीच एक कथित निजी फोन पर बातचीत करने की जांच के आदेश दिए गए थे. इससे पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी. ईश्‍वरैया ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत के एक सीनियर वर्तमान जज के रिश्तेदार अमरावती भूमि घोटाले के बेनामी सौदे में शामिल हैं. उन्‍होंने सफाई दी कि वह इस बारे में और सबूत जुटाने की कोशिश कर रहे थे. रिटायर्ड जज ईश्‍वरैया ने कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा है कि उन्होंने इस बेनामी सौदे के बारे में निलंबित न्यायिक अधिकारी से फोन पर बातचीत में जानकारी मांगी थी. 

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यह मामला कथित रूप से राज्य की नई राजधानी क्षेत्र में भूमि सौदों को लेकर भ्रष्टाचार से संबंधित थी. आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश और निलंबित न्यायिक अधिकारी के बीच हुई इस कथित वार्ता की जांच का निर्देश 13 अगस्त, 2020 को दिया था. जस्टिस ईश्‍वरैया ने इसी आदेश के खिलाफ याचिका दायर कर रखी है. इसी मामले में न्यायमूर्ति ईश्‍वरैया ने यह हलफनामा दाखिल किया है. वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दाखिल इस हलफनामे में कहा गया है कि पीठासीन न्यायाधीश के आचरण के बारे में सामग्री (अगर उपलब्ध है) मांगने को, जो मेरी जानकारी के अनुसार जांच का विषय है, किसी भी तरह से साजिश नहीं कहा जा सकता. हलफनामें में कहाग गया, 'मैं कहना चाहता हूं कि मैंने रामकृष्ण (निलंबित जिला मुंसिफ) के साथ फोन पर बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के उक्त न्यायाधीश की संलिप्तता के बारे में जानकारी और सामग्री मांगी थी.  पूर्व न्यायाधीश ईश्‍वरैया ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ पीठासीन न्यायाधीश के रिश्तेदारों की इन सौदों में संलिप्तता के बारे में जानकारी मुझे मिली थी और मैं इस संबंध में और साक्ष्य एकत्र करने के प्रयास कर रहा था.'

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शीर्ष अदालत ने 11 जनवरी को न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) ईश्‍वरैया को निलंबित जिला मुंसिफ के साथ अपनी वार्ता के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुये हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. दरअसल आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वी ईश्वरैया ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की एक पीठ के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें कथित तौर पर उनकी और आंध्र प्रदेश के एक निलंबित जिला मुंसिफ मजिस्ट्रेट के बीच एक कथित निजी फोन पर बातचीत करने की जांच के आदेश दिए गए थे. ये आरोप लगाया गया था कि फोन कॉल ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश के खिलाफ एक "गंभीर साजिश" का खुलासा किया.