सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक को अवमानना के तहत सुनाई 2 महीने की सजा

सुप्रीम कोर्ट ने इनेलोके पूर्व विधायक बाली पहलवान को कोर्ट की अवमानना के तहत दो महीने की सजा सुनाई.

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक को अवमानना के तहत सुनाई 2 महीने की सजा

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने इनेलोके पूर्व विधायक बाली पहलवान को कोर्ट की अवमानना के तहत दो महीने की सजा सुनाई. हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जमानत रद्द करने और आत्मसमर्पण करने के आदेश के बावजूद गुडगांव के अस्पताल में पूर्व विधायक भर्ती हो गया था. फिलहाल हत्या के मामले में अभी विधायक रोहतक जेल में है. कोर्ट ने कहा कि अवमानना की सजा शुक्रवार से शुरु होगी. मदद करने के आरोप में डॉक्टरों पर अप्रैल में 1.40 करोड का जुर्माना लगाया गया था.

पढ़ें: जजों के नाम पर घूस लेने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने SIT जांच की मांग वाली याचिका को किया खारिज

दरअसल सीबीआई रिपोर्ट से पता चला था कि महम सीट से 2002 में जीते इनेलो पूर्व विधायक बलबीर उर्फ बाली पहलवान ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए गुड़गांव के निजी अस्पताल के दो डॉक्टरों की मदद ली. अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बाली पहलवान को सुख, सुविधाओं के साथ कई सप्ताह तक हॉस्पिटल में रखा. एक अन्य डाॅक्टर ने भी मदद की.

कलानौर थाना पुलिस ने 6 मई 2011 को बाली कार्यकर्ताओं पर विष्णु नामक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या अन्य की हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था. बाली गिरफ्तार हुए और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 11 फरवरी 2013 को उन्हें जमानत दे दी. शिकायतकर्ता बेल रद्द कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो 24 अक्टूबर, 2013 को जमानत रद्द करते हुए आत्मसमर्पण के आदेश दिए गए.

पढ़ें: सड़क सुरक्षा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया, 25 दिशानिर्देश जारी किए

इस पर बाली खुद को बीमार बताते हुए गुड़गांव के अस्पताल में दाखिल हो गए. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुए. फिर सीताराम ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. इसमें कहा गया कि बाली को कोई बीमारी नहीं है. इस पर कोर्ट ने सीबीआई जांच को कहा. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बाली पहलवान को कोई बीमारी नहीं है. वह अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर और मेडिकल अफसर की मदद से खुद को बीमार बता रहा है. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बाली पहलवान को गिरफ्तार किया था.

पढ़ें: उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर मामला: SC ने कहा, कभी नहीं दिया आदेश धार्मिक अनुष्‍ठान कैसे किए जाए

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गुड़गांव के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर एस सचदेवा और डॉक्टर मनीष प्रभाकर पर कोर्ट की अवमानना के तहत लगाया जुर्माना लगाया था. एस सचदेवा पर 70 लाख और मनीष प्रभाकर पर 70 लाख का जुर्माना लगाया. गुड़गांव के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर एस सचदेवा और डॉक्टर मनीष प्रभाकर ने कोर्ट से बिना शर्त माफ़ी मांगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैसा कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा किया जाये। इस पैसे का क्या इस्तेमाल किया जाये इसपर सुझाव देने के लिए अदालत ने वी के बाली से सुझाव मांगा था।  इनेलोके पूर्व विधायक बाली पहलवान को बिना किसी बीमारी के अस्पताल में दाखिल करना गुड़गांव के दो डॉक्टरों को महंगा पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों डॉक्टरों को अवमानना का दोषी करार दिया था.

VIDEO: दहेज कानून पर फिर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com