सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में बच्ची से दरिंदगी करने वाले टीचर की फांसी पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के उस शिक्षक को मिली फांसी की सजा पर रोक लगा दी है, जिसके खिलाफ चार फरवरी को सतना की जिला अदालत ने डेथ वारंट जारी किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में बच्ची से दरिंदगी करने वाले टीचर की फांसी पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के उस शिक्षक को मिली फांसी की सजा पर रोक लगा दी है, जिसके खिलाफ चार फरवरी को सतना की जिला अदालत ने डेथ वारंट जारी किया था. शिक्षक को पिछले साल 4 साल की एक बच्ची से रेप के मामले में दोषी पाया गया ता. दोषी महेंद्र सिंह गोंड ने इस कदर दरिंदगी की थी कि मासूम को कई महीने दिल्ली के एम्स में बिताने पड़े और उसे कई सर्जरी से होकर गुजरना पड़ा.मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एक डिविजन बेंच ने दोषी टीचर महेंद्र को मिली फांसी की सजा पर 25 जनवरी को मुहर लगा दी. घटना को गंभीरतम अपराध बताते हुए जजों की बेंच ने कहा, अदालत ऐसे क्रूर अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हट सकती. जब ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हों, तो सख्ती दिखाना जरूरी हो जाता है. मामला गंभीर है, क्योंकि आरोपी एक टीचर है. जिसका काम नैतिकता का पाठ पढ़ाना होता है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद सतना जिला अदालत ने भी महेंद्र के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया.  दोषी को 2 मार्च को जबलपुर जेल में फांसी देने का वारंट जारी किया. 

दरअसल 30 जून, 2018 की रात को टीचर ने बच्ची को किडनैप किया था. इसके बाद उसे जंगल ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की और मरा समझकर झाड़ियों में फेंक गया. परिजनों को बच्ची अधमरी हालत में मिली थी. जिसके बाद राज्य सरकार की मदद से बच्ची को फौरन चार्टर्ड प्लेन के जरिए दिल्ली एम्स ले जाया गया. पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटे बाद दोषी महेंद्र को दबोच लिया था. डीएसपी किरन राव के नेतृत्व में पेश की गई चार्जशीट के आधार पर नागौड़ कोर्ट ने दोषी को 19 सितंबर को फांसी की सजा सुनाई थी. इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मासूम के बयान लिए गए.

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