शीर्ष न्यायालय ने गुटखा घोटाले से जुड़े मामले में फैसला रखा सुरक्षित

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ इस मामले में आरोपी ई शिवकुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

शीर्ष न्यायालय ने गुटखा घोटाले से जुड़े मामले में फैसला रखा सुरक्षित

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने करोड़ों रुपये के गुटखा घोटाले की सीबीआई से जांच कराने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. राज्य के एक मंत्री और शीर्ष पुलिस अधिकारियों पर इस मामले में कथित संलिप्तता का आरोप है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ इस मामले में आरोपी ई शिवकुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उन्होंने उच्च न्यायालय के 26 अप्रैल के फैसले को चुनौती दी है. द्रमुक नेता जे अनबाजगन की याचिका पर उच्च न्यायालय ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

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यह पूरा मामला 2016 में तमिलनाडु में गुटखा निर्माताओं के कार्यालयों, आवासों और गोदामों पर आयकर के छापे से संबंधित है. इस दौरान जब्त एक डायरी में विभिन्न अधिकारियों को कथित तौर पर दिये गए रिश्वत का ब्योरा दर्ज है. यह मामला सामने तब आया था जब 8 जुलाई 2017 को आयकर विभाग ने लगभग 250 करोड़ की टैक्स चोरी के शक में एक गुटखा निर्मता कंपनी के गोदाम, दफ्तर और घरों में छापा मारा गया. राज्य सरकार ने 2013 में गुटखा और पान मसाला समेत खाद्य तंबाकू पदार्थों के उत्पादन, स्टोरेज और बिक्री पर रोक लगा दी थी.

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छापे के दौरान विभाग को एक डायरी मिली जिसमें उन लोगों के नाम थे जिन्हें कथित तौर पर पैसे दिए गए थे. इनमें से एक नाम राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का भी था.  


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