मोबाइल टावर रेडिएशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

मोबाइल टावर रेडिएशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

प्रतीकात्मक फोटो।

खास बातें

  • केंद्र टावर लगाने के लिए नियम तय करे
  • रेडिएशन के कारण घट गए पशु-पक्षी
  • सिरदर्द, अनिद्रा के अलावा ब्रेन ट्यूमर तक होने का खतरा
नई दिल्ली:

मोबाइल फोन और टावर से निकलने वाले रेडिएशन से लोगों को बचाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, नोएडा अथॉरिटी और टावर लगाने वाली फर्म को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले को भी पहले से चल रही सुनवाई के साथ जोड़ दिया है।

इंसानों के साथ जानवरों के लिए भी खतरनाक
नोएडा के रहने वाले नरेश चंद गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि मोबाइल टावर और फोन से निकलने वाला रेडिएशन लोगों और जानवरों के लिए खतरनाक है। इससे सिरदर्द, अनिद्रा के अलावा ब्रेन ट्यूमर तक होने का खतरा रहता है। साथ ही इस रेडिएशन की वजह से मधुमक्खी, चिड़िया और अन्य जानवर भी कम हो गए हैं।

नोएडा सेक्टर 15 ए से हटाए जाएं टावर
याचिका में कहा गया है कि केंद्र इसके लिए वैज्ञानिक शोध के आधार पर नियम तय करे जैसा विदेशों में होता है और कालोनियों, स्कूलों, अस्पतालों और मार्केट जैसी जगहों से 500 मीटर दूर ही टावर लगाए जाएं। इन इलाकों में जो मोबाइल टावर लगाए गए हैं, उन्हें हटाया जाए। याचिका में कहा गया है मोबाइल रेडिएशन पर निगरानी के लिए कोई मैकेनिज्म बनाया जाए और नोएडा सेक्टर 15 ए में टावर लगाए जाने की अनुमति रद्द कर उसे ग्रीन एरिया में लगाया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 22 जुलाई को कर सकता है।


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