हथकड़ी से बंधे संदिग्ध आतंकवादी को मारी गोली? तेलंगाना पुलिस पर उठे सवाल

नालगोंडा:

तेलंगाना में कथित रूप से हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे पांच संदिग्ध आतंकियों को पुलिस ने मार गिराया था, लेकिन एक फोटोग्राफ से इस मुठभेड़ पर सवाल उठने लगे हैं, जिसमें दिखाया गया है कि जिस आदमी को गोली मारी गई, उसके हाथों में हथकड़ी थी।

इन आदमियों को नालगोंडा जिले में मारा गया जब इन्हें वारंगल जेल से 150 किलोमीटर दूर हैदराबाद कोर्ट ले जा रहे थे। पुलिस का कहना है कि इनमें से एक विकारुद्दीन अहमद ने टॉयलेट जाने के लिए हथकड़ी खुलवाई और लौटने पर वह पुलिसवालों के हथियार छीनने की कोशिश करने लगा।

इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने तब फायरिंग कर दी, जब अन्य संदिग्ध भी भागने के लिए पुलिसवालों पर काबू करने की कोशिश करने लगे।

विकारुद्दीन अहमद लोकल आतंकी संगठन तहरीक-घालबा-ए-इस्लाम (Tehreek-Ghalba-e-Islam) का कथित संस्थापक था और उस पर दो पुलिसवालों की हत्या का आरोप था। अन्य चार संदिग्ध भी उसके सहयोगी बताए जा रहे हैं।

नागरिक अधिकारों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए कि 17 पुलिसवालों की टीम पांच हथकड़ी से बंधे लोगों पर कैसे काबू नहीं कर पाई और उन्हें गोली मारनी पड़ी। साथ ही इस पूरे घटनाक्रम में कोई पुलिसवाला घायल नहीं हुआ।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में आरोप लगाया कि यह बदले की कार्रवाई है। इन हत्याओं का संबंध तीन पुलिसवालों की हत्या से है, जो कि निंदनीय था, लेकिन ये मौतें भी हत्याएं हैं।

पिछले सप्ताह तीन पुलिसवालों की हत्या सिमी (इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के संदिग्धों ने की। इनमें से दो संदिग्ध हमलावर पुलिस के साथ फायरिंग में मारे गए, जहां पुलिस वालों की भी मौत हुई। इस मुठभेड़ में घायल एक पुलिसवाले की मौत कल हो गई, जिस दिन वह पिता बना।

तेलंगाना पुलिस चीफ अनुराग शर्मा ने साफ किया कि कल मारे गए पांचों संदिग्ध सिमी, इंडियन मुजाहिदीन या लश्कर-ए-तैयबा संगठन से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि इन लोगों का रिकॉर्ड रहा है कि इन लोगों ने पहले भी पुलिस वालों पर हमला किया था। यही वजह है कि उन्हें बांध के रखा गया था।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इन लोगों के परिवारों ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।