यह ख़बर 22 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

काला धन: भारत को स्विस बैंक से मिलेगा विस्तृत ब्योरा, आगे की कार्रवाई के लिए एसआईटी तैयार

ज्यूरिख/ नई दिल्ली:

विदेश में रखे काले धन पर कार्रवाई करने के भारत के प्रयासों को आज मजबूती मिली। स्विट्जरलैंड सरकार ने ऐसे भारतीयों की सूची तैयार की है, जिन पर शक है कि उन्होंने स्विस बैंकों में काला धन जमा किया हुआ है और इसका ब्योरा भारत सरकार के साथ साझा करने की बात कही है। इधर, काले धन पर भारत सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल ने कहा है कि अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।

स्विट्जरलैंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश के विभिन्न बैंकों में रखे गए धन के वास्तविक लाभार्थियों के पहचान के लिए जारी एक सरकारी जांच में इन भारतीय व्यक्तियों व इकाइयों के नाम सामने आए हैं। उसने कहा कि ऐसे व्यक्तियों और इकाइयों की सूची भारत के साथ साझा की जा रही है और समय के साथ विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी तथा सभी जरूरी प्रशासनिक सहायता भी दी जाएगी।

इस बारे में काले धन पर गठित एसआईटी के प्रमुख न्यामूर्ति एमबी शाह ने कहा कि सूची की जांच की जाएगी और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिनके बारे में यह पाया जाता है कि उन्होंने बिना कर चुकाए वहां धन रखा हुआ है।

स्विस अधिकारी इन लोगों या इकाइयों तथा उनके द्वारा जमा की गई रकम के बारे में नहीं बताया। अधिकारी ने गोपनीयता प्रावधान और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सूचना आदान-प्रदान संधि का हवाला देते हुए ब्योरा देने से इनकार किया। अधिकारी के अनुसार संदेह है कि इन लोगों व इकाइयों ने न्यासों, डोमिसिलिएरी कंपनियों तथा भारत से बाहर अन्य गैरकानूनी इकाइयों के माध्यम से बिना कर चुकाया धन स्विस बैंकों में रखा है।

अधिकारी ने इन दावों को खारिज कर दिया कि स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन हजारों अरब डॉलर है। स्विस नेशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश के 283 बैंकों में विदेशी ग्राहकों का कुल जमा धन 1,600 अरब डॉलर ही है। स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का धन बढ़कर 2.03 अरब स्विस फ्रैंक (14,000 करोड़ रुपये) पर पहुंचने के बारे में उन्होंने कहा कि यह धन उन ग्राहकों का है जिन्होंने खुद को भारतीय घोषित किया है, ऐसे में इसके गैरकानूनी धन होने की संभावना नहीं है। इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ ब्योरा लगातार साझा किया जा रहा है और यह भारतीय अधिकारियों द्वारा पूर्व में मांगी गई सूचना से अलग है, जो लीक या चोरी की सूची या 'एचएसबीसी की सूची' के आधार पर मांगी गई थीं।

इधर, न्यायमूर्ति शाह ने यह भी कहा, 'यह केवल काले धन की सूची नहीं है। इसमें उन लोगों के भी नाम हैं जिन्होंने कानूनी रूप से पैसा रखा हुआ है। यह संयुक्त सूची है। हमने उक्त लोगों की सूची मांगी है। उसके बाद हम उसकी जांच करेंगे। उसके बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे।' उन्होंने कहा, 'अगर वह कानूनी है, हम कुछ नहीं कर सकते। अगर वह अवैध या काल धन है, तब हम जरूर कार्रवाई करेंगे..।'

स्विस अधिकारी ने यह भी कहा कि स्विट्जरलैंड भारत की नई सरकार के साथ नजदीकी से काम करने को तैयार है और वह काले धन पर नवगठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) को हर जरूरी सहयोग देगा।

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काले धन मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ वरिष्ठ राम जेठमलानी ने लंदन से कहा, 'मैं बहुत खूश हूं और आज राहत महसूस कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि एनडीए सरकार इस सूचना का पूरा फायदा उठाएगी।' उन्होंने कहा, 'भारत से काफी मात्रा में धन चुराया गया है और उन्हें दंडित किया जाएगा। धन का उपयोग गरीबी उन्मूलन और समाज की अन्य समस्याओं को दूर करने में किया जाएगा।'