यह ख़बर 07 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

यूपी बीजेपी अध्यक्ष का दावा, प्राचीन तेजो महालय मंदिर का हिस्सा है ताजमहल

बहराइच:

दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को वक्फ बोर्ड के हवाले किए जाने की मांग के बीच उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने आज यह कहकर विवाद को नया मोड दे दिया कि विश्व ऐतिहासिक विरासत ताजमहल प्रचीन तेजो महालय मंदिर का हिस्सा है।

बाजपेयी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुगल शासक शाहजहां ने मंदिर की कुछ जमीन को राजा जय सिंह से खरीदा था। बाजपेयी का दावा है कि इससे संबंधित दस्तावेज अभी भी मौजूद हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा जमाये बैठे उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां की नजर अब विश्व विरासत इमारत ताजमहल पर है।

उन्होंने कहा कि ताजमहल में पांच वक्त की नमाज पढ़ने का आजम का सपना कभी नहीं पूरा हो पाएगा।

वक्फ मंत्री आजम ने मुतवल्लियों के 13 नवंबर को हुए सम्मेलन में कहा था कि वह राज्य सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड से कहेंगे कि वह ताजमहल को बोर्ड की संपत्ति बनाए और उन्हें (आजम को) उसका मुतवल्ली नियुक्त कर दें।

इस बयान पर जब संवाददाताओं ने आजम से सवाल किए तो वह पलट गए और कहा कि आप लोग मजाक को गंभीरता से क्यों ले लेते हो।

इसके बाद आगरा के एक संगठन इमाम-ए-रजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मांग की कि वे ताजमहल को वक्फ की संपत्ति घोषित करें और मोहर्रम के दौरान वहां मातम की इजाजत दें।

शियाओं के प्रमुख धर्मगुरुओं ने हालांकि ताज को शिया वक्फ बोर्ड की संपत्ति माने जाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि विश्व विरासत इमारतों को ऐसे विवादों से दूर रखना चाहिए।

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ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास ने बताया कि जहां तक मुमताज महल का सवाल है, वह शिया थीं लेकिन ताजमहल देश की विरासत है और इसे सुन्नी या शिया वक्फ बोर्डों में से किसी को भी नहीं सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड अपनी मस्जिदों और मदरसों का रखरखाव तो कर नहीं पा रहे हैं, ताजमहल कैसे संभालेंगे। अगर ताजमहल वक्फ बोर्ड को सौंपने का मुद्दा उठा तो शिया और सुन्नी टकराव की मुद्रा में आ जाएंगे, इसलिए ताजमहल को झगड़े से दूर रखना चाहिए।