टैल्गो ट्रेन टेस्ट में तो रही सफल, लेकिन पटरियों पर दौड़ाने के लिए करने होंगे अहम बदलाव : रेलवे

टैल्गो ट्रेन टेस्ट में तो रही सफल, लेकिन पटरियों पर दौड़ाने के लिए करने होंगे अहम बदलाव : रेलवे

टैल्गो ट्रेन ट्रायल रन में 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी

खास बातें

  • यह ट्रेन दिल्ली-मंबई के बीच की दूरी साढ़े 12 घंटे में पूरी कर सकती है
  • लेकिन इस ट्रेन की चौड़ाई और इसके फुटबोर्ड की उंचाई कम है
  • इसलिए सेवा में लाने के लिए इसे कुछ बदलाव करने होंगे
नई दिल्ली:

रेलवे ने कहा कि स्पेन की टैल्गो ट्रेन का परीक्षण तो सफल रहा है, लेकिन इसे कुछ बदलावों के बाद ही सेवा में लगाया जा सकता है, क्योंकि इसकी चौड़ाई और इसके फुटबोर्ड की उंचाई कम है.

रेलवे रोलिंग स्टाक सदस्य हेमंत कुमार ने कहा कि टैल्गो ट्रेन के समय का परीक्षण सफल कहा जा सकता है. हालांकि मौजूदा स्वरूप में इसे भारतीय रेलवे प्रणाली में सेवा में नहीं लाया जा सकता, क्योंकि इसकी चौड़ाई और इसके फुटबोर्ड की उंचाई कम है. कुछ बदलावों के बाद ही इसे चलाया जा सकता है.

कुमार ने कहा कि वैश्विक बाजार से ऐसी हल्की वजन वाली ट्रेनें खरीदने के लिए एक खुली निविदा होगी. रेलवे ने बरेली और मुरादाबाद के बीच नौ डिब्बों की टैल्गो ट्रेन की गति का परीक्षण किया और यह ट्रेन 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी. इसके बाद, मथुरा और पलवल के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यह ट्रेन दौड़ाई गई. कुमार ने कहा कि ये परीक्षण सफल पाए गए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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