तमिलनाडु : पांच घंटे के भारी ड्रामे के बाद पलानीस्वामी ने 122 वोटों के साथ जीता विश्वासमत

तमिलनाडु : पांच घंटे के भारी ड्रामे के बाद पलानीस्वामी ने 122 वोटों के साथ जीता विश्वासमत

पलानीस्वामी ने 122 वोटों के साथ विश्वासमत जीत लिया है

खास बातें

  • मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने 122 वोटों से जीता विश्वासमत
  • 15 दिन के बजाए 2 दिन में बहुमत साबित करने का दावा किया था
  • समर्थक विधायक चेन्नई से दूर कूवाथूर के रिसॉर्ट में रह रहे थे
चेन्नई:

तमिलनाडु विधासनभा में भारी हंगामे के बीच मुख्यमंत्री इडाप्पडी के. पलानीस्वामी ने ने 122 वोटों के साथ विश्वासमत जीत लिया है. यह वोटिंग डीएमके विधायकों को बाहर ले जाए जाने के बाद हुई है. सिर्फ 11 विधायकों ने पलानीस्वामी के खिलाफ वोट किया था. सीएम को विश्वासमत जीतने के लिए सिर्फ 117 वोट चाहिए थे. वोटिंग के वक्त 133 विधायक सदन में मौजूद थे. जहां हंगामे के बाद डीएमके के विधायकों को बाहर कर दिया गया था, वहीं कांग्रेस और IUML ने वॉक आउट कर दिया था. हालांकि इस वोटिंग के बाद पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि 'अभी भी वक्त है और जनता तय करेगी कि यह वोटिंग कितनी वैध है.' विश्वासमत जीतने के बाद पलानीस्वामी, जयललिता की समाधि के सामने फूट फूटकर रोने लगे.

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जीतने के बाद पलानीस्वामी, जयललिता की समाधि पहुंचे

इससे पहले सदन में जो हंगामा बरपा उसके बाद सत्र को एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विधायकों ने सदन में कुर्सियां तोड़ी और पेपर फाड़े, यही नहीं डीएमके के विधायकों ने स्पीकर पी धनपाल के साथ बदसलूकी भी की जिसके बाद स्पीकर सदन छोड़कर चले गए. इसके बाद डीएमके विधायक कु का सेल्वम स्पीकर की कुर्सी पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे.
 

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तमिलनाडु सदन में डीएमके विधायक स्पीकर की कुर्सी पर बैठ गए

बाद में स्पीकर ने डीएमके विधायकों को बाहर निकालने का आदेश दे दिया और सदन को दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. स्पीकर ने कहा 'मैं कैसे बताऊं आज विधानसभा में मेरे साथ क्या हुआ. मेरी शर्ट फाड़ी गई और मुझे अपमानित किया गया. मैं तो अपना काम कर रहा था.' स्पीकर के आदेश के बावजूद डीएमके के विधायकों ने जाने से इंकार कर दिया. सदन के बाहर 2 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके के विधायक धरने पर बैठ गए लेकिन बाद में उन्हें बाहर ले जाया गया. स्टालिन ने कहा कि उनके साथ भी मारपीट हुई थी. वह राज्यपाल से मिले, साथ ही उन्होंने मरीना बीच पर धरने पर भूख हड़ताल करने का फैसला किया है.
 

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स्टालिन को बाहर ले जाया गया

इस बीच पिछले कुछ हफ्तों से जिस रिज़ोर्ट में शशिकला ने विधायकों को कथित रूप से नजरबंद कर रखा था, उसे रखरखाव के लिए बंद कर दिया गया है.
 

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गोल्डन बे रिज़ोर्ट को कुछ वक्त के लिए बंद किया गया है

इससे पहले पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम के सीक्रेट बैलेट के निवेदन को गर्वनर ने विचार के लिए स्पीकर तक विचार के लिए पहुंचाया. हालांकि स्पीकर ने इस निवेदन को दरकिनार करते हुए कहा है कि 'विधायकों की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है.'
डीएमके नेता एमके स्टालिन ने वोटिंग को स्थगित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब गवर्नर ने 15 दिन दिए हैं तो जल्दी किस बात की है. पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जनता की राय जानना जरूरी है और उसके बाद ही फ्लोर टेस्ट होना चाहिए.
 

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वहीं OPS कैंप के सेम्मलई ने आरोप लगाया कि शशिकला द्वारा उन्हें रिज़ोर्ट में बंद करके रखा गया था. शनिवार को ही AIADMK के एक और विधायक ने पाला बदलते हुए पलानीस्वामी के खिलाफ वोट देने की बात कही. 234 सदस्यों की विधानसभा में पलानीसामी को 117 विधायकों का समर्थन चाहिए था.

गुरुवार को सरकार बनाने का निमंत्रण देते हुए राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव ने पलानीस्वामी को विश्वास मत हासिल करने को कहा था. नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए हालांकि 15 दिनों का समय दिया गया था लेकिन पलानीस्वामी ने दो दिन में ही बहुमत साबित करने का फैसला किया था.