तूतीकोरिन में हुई हिंसा का फाइल फोटो.
खास बातें
- कहा- हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश दिया
- पर्यावरण प्रदूषण का आरोप लगाकर वेदांता कंपनी का किया गया था विरोध
- मद्रास हाईकोर्ट ने संबंधित सभी मामलों की जांच सीबीआई को दे दी
नई दिल्ली: तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. उसने मद्रास हाईकोर्ट के जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश को चुनौती दी है.
तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह आदेश जारी किए हैं. 14 अगस्त को तमिलनाडु सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने 22 मई को तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी.
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गौरतलब है कि वेदांता कंपनी के प्लांट पर पर्यावरण प्रदूषण का आरोप लगाते हुए तूतीकोरिन में लोग सड़कों पर उतरे थे जिसके बाद प्लांट को बंद कर दिया गया था. जस्टिस सीटी सेल्वम और एएम बशीर अहमद की बेंच ने यह आदेश दिया था. बेंच पुलिस फायरिंग और प्रदर्शनकारियों को नेशनल सिक्यूरिटी एक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने के मामलों की सुनवाई कर रही थी. बेंच ने अपना फैसला एक अगस्त को कोर्ट की मुदरै बेंच में सुरक्षित कर लिया था.
VIDEO : तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग
सुनवाई में राज्य सरकार ने पुलिस केस की डायरी और समीक्षा बैठक में चर्चा की जानकारी कोर्ट के सामने रखी थी. सरकार ने कोर्ट में बताया कि धारा 144 के उल्लंघन के बाद प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. प्रशासन ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट की प्रतियां, पुलिस स्टैंडिंग ऑर्डर और ड्रिल मैन्युअल भी कोर्ट को दीं. यह सब देखने के बाद कोर्ट ने 6 लोगों को NSA के तहत हिरासत में लेने के फैसले को रद कर दिया. सभी मामलों की जांच सीबीआई को दे दी गई.