यह ख़बर 30 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

तेजपाल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज, क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार

पणजी:

'तहलका' के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को यहां की एक स्थानीय अदालत द्वारा अग्रिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने के घंटे भर के भीतर ही शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। तेजपाल पर उनकी एक पूर्व कनिष्ठ सहयोगी ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया है।

उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (प्रवक्ता) मीनाक्षी लेखी को पीड़िता का उपनाम जाहिर करने के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद तेजपाल को गोवा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है जहां उनकी चिकित्सकीय जांच कराई जाएगी। रविवार को रिमांड के लिए न्यायिक दंडाधिकारी के सामने पेश किए जाने से पहले उनसे संक्षिप्त पूछताछ की जाएगी।

शाम 4:30 बजे से अपराध शाखा के कार्यालय में डेरा डाले तेजपाल को मामले की जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक सुनीता सावंत ने गिरफ्तारी का वारंट थमाया।

उत्तरी गोवा की जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुजा प्रभुदेसाई ने रात 8 बजे अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया।

अपने आदेश में न्यायालय ने पुलिस हिरासत के दौरान तेजपाल को घर का खाना, बिस्तर और कपड़े का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।

पुलिस ने तेजपाल पर पिछले कुछ दिनों से झांसा देने का आरोप लगाया था। पणजी से 5 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर स्थित अपराध शाखा में तेजपाल के हाजिर होने को अदालत से हिरासत में जाने के दौरान लोगों की नजरों से बचने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

उनकी पत्नी गीतन, बहन नीता, बेटियां तिया और कारा व दोस्त अपराध शाखा के कार्यालय के बाहर देर रात तक प्रतीक्षा करते देखे गए।

तेजपाल और उनके परिवार के लोग जैसे अदालत परिसर से चले काले लिबास में एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया और वहां से खदेड़ दिया।

इससे पहले बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के वकीलों के बीच अदालत में जमकर मुकाबला हुआ। तेजपाल को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दी गई थी।

जहां बचाव पक्ष को अपनी दलील रखने के लिए चार घंटे का समय दिया गया था वहीं अभियोजन पक्ष ने महज 45 मिनट में ही बाजी अपने पाले में कर ली।

बचाव पक्ष ने शुक्रवार पेश की गई अपनी दलील को जारी रखा कि तेजपाल पूरी तरह से जांचकर्ताओं का सहयोग कर रहे हैं और इसके लिए हिरासती पूछताछ की दरकार नहीं है।

पुलिस की गिरफ्त में जाने से बचाने के लिए तेजपाल की वकील गीता लूथरा ने कई प्रस्ताव अदालत के सामने पेश किया, लेकिन अदालत ने कोई नरमी नहीं दिखाई। लूथरा ने कहा कि तेजपाल जब तक पुलिस चाहेगी तबतक गोवा में बने रहेंगे, अपना पासपोर्ट और फिक्स डिपॉजिट व अन्य चीजें जमा कर देंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जांच के दौरान तेजपाल मुंबई नहीं जाएंगे। पीड़िता मुंबई में ही रह रही है। उन्होंने कहा कि तेजपाल का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है और इसलिए उनपर विचार किया जाए या अंतरिम जमानत दी जाए।

मामले के लिए नियुक्त विशेष लोक अभियोजक सरेश लोतलिकर ने हालांकि दलील दी कि तेजपाल गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं और जांच पूरी करने व उनसे असली कहानी उगलवाने के लिए तेजपाल की हिरासत जरूरी है।

लोतलिकर ने यह भी कहा कि पीड़िता का न्यायाधीश के समक्ष दिया गया बयान और पुलिस द्वारा प्राप्त किए गए सीसीटीवी फुटेज से पीड़िता के दुष्कर्म के आरोप की पुष्टि के लिए 'पर्याप्त संकेत' मिलते हैं।

लोतलिकर ने तेजपाल पर पीड़िता की सच्चाई पर सवाल खड़ा कर अपमानित करने का भी आरोप लगाया और कहा कि 'उसे एक ऐसे व्यक्ति ने उल्लंघन किया जो उसके पिता के समान है।'

दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग ने शनिवार को भाजपा की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी से तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार का उपनाम उजागर करने पर स्पष्टीकरण मांगा।

लेखी ने अपने ट्विटर खाते पर की गई एक टिप्पणी में पीड़िता के उपनाम का उल्लेख कर दिया था।

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एनसीडब्ल्यू की एक सदस्य ने बताया, "पीड़िता पत्रकार के उपनाम को उजागर करने पर हमने उनसे (लेखी) 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।"