तेलंगाना सरकार के इस फैसले के बाद बस्तों के बोझ तले नहीं दबेगा बच्चों का भविष्य

तेलंगाना सरकार ने एक फैसले में स्कूली बच्चों के बस्तों के वजन की सीमा 1.5 किलोग्राम से पांच किलोग्राम के बीच तय कर रही है.

तेलंगाना सरकार के इस फैसले के बाद बस्तों के बोझ तले नहीं दबेगा बच्चों का भविष्य

पहली से 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को होमवर्क देने पर भी रोक लगा दी गई है.

नई दिल्ली:

बस्तों का भारी-भरकम बोझ उठाए हांफते और पस्त दिखते बच्चों की तस्वीरें अब बीते दिनों की बात हो जाएगी. तेलंगाना सरकार के नए फैसले के बाद बस्ते के बोझ तले बच्चों का भविष्य नहीं दबेगा. तेलंगाना सरकार ने एक फैसले में स्कूली बच्चों के बस्तों के वजन की सीमा 1.5 किलोग्राम से पांच किलोग्राम के बीच तय कर रही है. इतना ही नहीं उसने स्कूलों को प्राथमिक कक्षाओं यानी पहली से 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को होमवर्क देने पर भी रोक लगा दी है.

बच्चों के भारी बस्ते की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने विद्यालय प्रबंधन के लिए एक आदेश जारी किया है. यह आदेश कक्षा 1 से कक्षा 10 तक के छात्रों का बोझ काफी हद तक कम कर देगा. इससे भारी बस्तों की वजह से होने वाले 'विपरीत शारीरिक प्रभावों और चिंता विकारों' से उन्हें बचाया जा सकेगा. सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक नोटबुक और किताबों समेत कक्षा एक और दो के लिए बस्ते का वजन 1.5 किलो से ज्यादा नहीं हो सकता है. कक्षा तीन से पांच के लिए वजन 2 से 3 किलो के बीच हो सकता है. 

वीडियो : कम होगा बस्ते का बोझ 



10वीं के लिए अधिकतम वजन पांच किलो

आदेश के मुताबिक कक्षा 10 तक के लिए बस्तों का अधिकतम वजन पांच किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए. कक्षा 6 से 7 के लिए बस्ते का अधिकतम वजन 4 किलो और कक्षा 8वीं से 9वीं के लिए साढ़े 4 किलो तय किया गया है. 

17 किलो तक हो जाता है बस्ते का वजन

अनुमानों के मुताबिक स्कूली छात्र अभी प्राथमिक स्तर पर बच्चों के बस्तों का वजन 6 किलो से 12 किलो के बीच होता है. वहीं, हाईस्कूल स्तर पर इनका वजन 17 किलो तक हो जाता है. 

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(इनपुट भाषा से भी)


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