यह ख़बर 08 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सीमांध्र से बिजली गायब, शिंदे ने राष्ट्रपति शासन की बात नकारी

तेलंगाना मुद्दे पर प्रदर्शन करते लोग

खास बातें

  • केंद्र सरकार के तेलंगाना राज्य गठित करने के निर्णय के खिलाफ आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों का दौर तीसरे दिन भी जारी है।
हैदराबाद/नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के तेलंगाना राज्य गठित करने के निर्णय के खिलाफ आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों का दौर तीसरे दिन भी जारी है। राज्य विद्युत विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों से लगातार तीसरे दिन भी बिजली गायब रही। इसके चलते कई रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ीं।

राज्य में व्यवस्था के पूरी तरह ठप पड़ जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बात से इनकार किया।

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "आंध्र प्रदेश में अभी राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की कोई योजना नहीं है।"

तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने जहां दिल्ली में आंध्र विभाजन के विरोध में अपना अनशन दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रखा, वहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी भी हैदराबाद में लगातार चौथे दिन भूख हड़ताल पर बैठे रहे।

दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने का प्रस्ताव लाने वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नेतृत्वकर्ता पार्टी कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने चंद्रबाबू नायडू और जगन द्वारा तेलंगाना गठित करने का समर्थन करने वाली कांग्रेस को भेजी चिट्ठी मीडिया के सामने पेश की।

तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा (सीमांध्र) में छह लाख सरकारी कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लगातार हड़ताल पर बने रहने के कारण राज्य में सार्वजनिक व्यवस्था जैसे ठप पड़ गई और सभी सरकारी स्कूल बंद रहे। राज्य कर्मचारी 12 अगस्त से ही आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

राज्य सरकार की सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित बसें भी लगभग दो महीने से सड़कों पर नहीं उतर सकी हैं।

आंध्र विभाजन के प्रस्ताव के खिलाफ सीमांध्र में विरोध प्रदर्शन जारी है। राज्य कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने केंद्र सरकार के कार्यालयों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के बाहर धरना प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों, सांसदों एवं विधानसभा सदस्यों तक पहुंच मार्ग को भी अवरुद्ध करने का प्रयास किया, और राज्य को अविभाजित रखने की मांग करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

राज्य के विजयनगरम में चार दिन पहले अनिश्चतकाल के लिए लगाए गए कर्फ्यू में मंगलवार सुबह एक घंटे की ढील दी गई। इस दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं आई।

विद्युत आपूर्ति ठप रहने के कारण आंध्र प्रदेश में लगातार तीसरे दिन रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा और अधिकांश रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ीं। विशाखापटनम से निकलने वाली कुछ एक्सप्रेस रेलगाड़ियों सहित लगभग 20 रेलगाड़ियां रद्द की गई हैं।

उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में विशाखापटनम और विजयनगरम के बीच रेलगाड़ियां हड़ताल से सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। कई रेलगाड़ियां अलग-अलग स्टेशनों पर रुकी हुई हैं जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।

विद्युत आपूर्ति न होने के कारण राज्य की औद्योगिकी इकाइयों में उत्पादन ठप रहा, मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाने के कारण राज्यवासियों का देश के दूसरे हिस्सों से संबंध कटा रहा और अनेक नगरों में लोग एटीएम मशीनों से रुपये निकालने तक में असमर्थ रहे।

प्रदेशवासियों को हो रही मुश्किलातों को देखते हुए मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने विद्युत कर्मचारियों से काम पर लौटने का आह्वान किया।

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मुख्यमंत्री ने विद्युत कर्मचारी संघ की संयुक्त कार्यवाही समिति को बातचीत के लिए बुधवार को आमंत्रित किया है। लेकिन विद्युत कर्मचारियों ने केंद्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश के विभाजन के फैसले को वापस न लिए जाने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही।