योजना आयोग को समाप्त करना एक ‘तुगलगी’ कदम था : जयराम रमेश

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आज कहा कि नोटबंदी की ही तरह योजना आयोग को बदलना एक “ तुगलकी ’’ कदम था.

योजना आयोग को समाप्त करना एक ‘तुगलगी’ कदम था : जयराम रमेश

फाइल फोटो

खास बातें

  • 'योजना आयोग को समाप्त करना एक ‘तुगलगी’ कदम था'
  • नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में इसे खत्म कर दिया था
  • इसे नीति आयोग के रूप में बदल दिया था
नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आज कहा कि नोटबंदी की ही तरह योजना आयोग को बदलना एक “ तुगलकी ’’ कदम था जिसने उसकी जगह “ ढिंढोरा पीटने वाले बौद्धिक रूप से साधारण लोगों ’’ के एक मंच को जन्म दिया है. मौजूदा राज्यसभा सांसद और पूर्ववर्ती योजना आयोग के पूर्व सदस्य जयराम ने कहा कि आयोग ने भारत को गरीब नहीं रखा था जैसा कि उस पर अक्सर आरोप लगते थे बल्कि उसने भारत को एक साथ रखा था. भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा मार्च, 1950 में स्थापित किया गया योजना आयोग भारत सरकार की वह संस्था थी जिसने अन्य कार्यक्रमों के साथ ही भारत की पंच वर्षीय योजनाओं की व्यवस्था दी थी. नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में इसे खत्म कर दिया था और इसे नीति आयोग के रूप में बदल दिया था. 

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उन्होंने कहा, “ यह अगस्त 2014 में हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि योजना आयोग को खत्म किया जाएगा और उसके स्थान पर नीति आयोग स्थापित किया जाएगा. यह नए प्रधानमंत्री की इस सोच के हिसाब से हुआ कि हर चीज पर मेरी छाप होनी चाहिए फिर चाहे इतिहास कुछ भी रहा हो और विरासत कुछ भी कहे. ’’ 

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