यह ख़बर 13 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने की वजह से कांग्रेस के प्रवक्ता पद से हटाए गए शशि थरूर

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने पर कांग्रेस ने सख्त कार्रवाई करते हुए आज शशि थरूर को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया और इसके साथ ही इस पद पर केरल के सांसद के नौ महीने के विवादास्पद कार्यकाल पर विराम लग गया।

थरूर ने कांग्रेस के एक वफादार कार्यकर्ता की तरह इस फैसले को स्वीकार किया, हालांकि इसके साथ ही कहा कि प्रवक्ता पद की जिम्मेदारियों से उन्हें मुक्त करने के पार्टी के निर्णय को स्वीकार करते हैं लेकिन अपने विचारों को रखने के लिए उन्हें मौका नहीं मिला। हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रदेश इकाई द्वारा उनके खिलाफ की गई शिकायत का जवाब देने के लिए उन्हें मौका दिए जाने पर वह उसका स्वागत करते।

केरल प्रदेश कांग्रेस समिति ने थरूर के खिलाफ एक रिपोर्ट तैयार की थी जो कुछ दिन पहले एआईसीसी की अनुशासन समिति को भेजी गई थी।

पार्टी की केरल इकाई की रिपोर्ट में कहा गया था कि मोदी के बारे में थरूर के बयान से केरल में कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए हैं, जिन्होंने तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से थरूर की जीत के लिए ईमानदारी और परिश्रम के साथ काम किया था।

वहीं, भाजपा ने थरूर के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इससे यह 'असिहष्णुता' जाहिर होती है कि किसी के द्वारा अच्छा काम किए जाने को पार्टी हजम नहीं कर सकती।

कांग्रेस ने कहा है कि थरूर के खिलाफ यह फैसला किया गया क्योंकि प्रदेश इकाई पिछले कुछ महीनों से थरूर की टिप्पणियों से आजिज़ आ गई थी, जिनमें उनके द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियां भी शामिल हैं। हालांकि, थरूर के खिलाफ फौरी कार्रवाई राजग सरकार के कार्यक्रम 'स्वच्छ भारत अभियान' का दूत बनने के आमंत्रण को उनके स्वीकार करने पर हुई है।

कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने एक बयान में कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की अनुशासन समिति की उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है, जिसमें शशि थरूर को एआईसीसी के प्रवक्ताओं की सूची से तत्काल प्रभाव से हटाने की बात कही गई थी।'

द्विवेदी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि केरल प्रदेश कांग्रेस समिति ने इस सिलसिले में एक शिकायत अनुशासन समिति को सौंपी थी। पार्टी की कार्रवाई के बाद थरूर ने ट्विटर और फेसबुक पर अपना बयान पोस्ट कर कहा है कि उन्हें दी गई जिम्मेदारियों में बदलाव करना पार्टी का विशेषाधिकार है।

कांग्रेस की ब्रीफिंग में पार्टी प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि एक प्रवक्ता को हमेशा ही पार्टी लाइन पर बोलना होता है। यह पूछे जाने पर कि क्या थरूर कांग्रेस नेता बने रहेंगे, शोभा ने कहा कि वह कांग्रेस सदस्य बने रहेंगे और वह विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष अभी भी हैं।

अपना पक्ष रखने के लिए मौका नहीं दिए जाने या स्वच्छता अभियान में भागीदारी को लेकर उनके खिलाफ कांग्रेस की कार्रवाई के सही या गलत होने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में शोभा ने यह बताने की कोशिश की कि उनके खिलाफ कार्रवाई का यह एकमात्र कारण नहीं है।

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि थरूर को बहुत समय दिया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का उनके द्वारा प्रशंसा किए जाने से पार्टी को बार बार शर्मशार होना पड़ा था।

यह पूछे जाने पर कि क्या थरूर को एम्स की ताजा रिपोर्ट आने के बाद हटाया गया है, शोभा ने कहा कि इस फैसले का 'इस मामले से कोई लेना देना नहीं' है।

एम्स की ताजा रिपोर्ट में थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत जहर से होने की बात कही गई है। उन्हें दक्षिण दिल्ली के एक पांचसितारा होटल में 17 जनवरी की रात मृत पाया गया था। इससे पहले, थरूर के कथित संबंधों को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के साथ सुनंदा की ट्विटर पर बहस हुई थी।

वहीं थरूर ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने एआईसीसी द्वारा जारी गई प्रेस विज्ञप्ति देखी है और कांग्रेस पार्टी का वफादार कार्यकर्ता होने के नाते वह प्रवक्ता पद की जिम्मेदारियों से मुक्त करने के पार्टी अध्यक्ष के फैसले को वह स्वीकार करते हैं।

उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी के मार्फत राजनीति में भारत के लोगों, अपने संसदीय क्षेत्र तिरुवनंतपुरम की सेवा करने के लिए हूं। इसे मैंने हमेशा ही पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता से किया है तथा ऐसा करना जारी रखूंगा।' उन्होंने कहा, 'पार्टी ने मुझे जो कुछ भी जिम्मेदारियां दी मैंने बगैर किसी आपत्ति के उन्हें पूरा किया और मैं यह पूरी तरह से मानता हूं कि इन जिम्मेदारियों में बदलाव करना पार्टी का विशेषाधिकार है।'

हालांकि, शोभा ने दावा किया है कि कांग्रेस की तीन सदस्यीय अनुशासन समिति ने केरल कांग्रेस की शिकायत की पड़ताल की और फैसला लिया गया, जबकि थरूर ने अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिए जाने पर नाखुश होने का संकेत दिया है। समिति के सदस्यों में मोतीलाल वोरा, एके एंटनी और सुशील कुमार शिंदे शामिल हैं।

थरूर ने कहा, 'मैंने अभी तक प्रदेश कांग्रेस की शिकायत नहीं देखी है, मैं इस पर जवाब देने के लिए मौका दिए जाने का स्वागत करता और पार्टी नेतृत्व का ध्यान अपने बयानों एवं समसामयिक राजनीतिक मुद्दों की ओर आकृष्ट करता पर अब मैं इस विषय को बंद हो गया मान रहा हूं तथा कोई और टिप्पणी नहीं करनी।'

वहीं, भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस की आलोचना करने में तनिक भी देर नहीं की। पार्टी सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'यह उनका अंदरूनी मामला है। लेकिन निश्चित तौर पर यह कांग्रेस में सहिष्णुता या असहिष्णुता के स्तर को जाहिर करता है।' सिंह ने इस बात का जिक्र किया कि थरूर को मोदी ने गैर राजनीतिक स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए नौ प्रख्यात लोगों में चुना था।

उन्होंने कहा कि थरूर के खिलाफ कार्रवाई से जाहिर होता है कि कांग्रेस अच्छा काम करने वालों तक को बर्खास्त कर देगी। अच्छे काम के लिए कांग्रेस में कोई जगह नहीं है।

हालांकि, शोभा ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन संप्रग के 'निर्मल भारत अभियान' का नकल मात्र है और जोर देते हुए कहा कि थरूर के खिलाफ कार्रवाई इस मुद्दे का नतीजा नहीं है।

उन्होंने बताया कि केरल प्रदेश कांग्रेस ने पिछले कई महीनों से थरूर द्वारा की जा रही टिप्पणियों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, जिससे उन्हें लगता था कि कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचा है। अनुशासनात्मक समिति ने इसकी पड़ताल की और एक रिपोर्ट दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई की और यह अंतिम है।

कांग्रेस में मौजूद सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे के समय थरूर के वहां जाने को लेकर भी पार्टी खुश नहीं थी।

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थरूर का एक आलेख अमेरिका के हफिंगटन पोस्ट में छपने के बाद चार जून से थरूर मीडिया ब्रीफिंग नहीं कर रहे थे। इस आलेख में मोदी की प्रशंसा की गई थी। हालांकि, उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया है कि वह भाजपा के करीब जा रहे हैं।