नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे की फांसी की 70 वीं वर्षगांठ बलिदान दिवस के रूप में मनाई, VIDEO

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हिंदू महासभा ने महात्मा गांधी के हत्यारे की तस्वीर पर माला चढ़ाई, भजन गाए और आरती की

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे की फांसी की 70 वीं वर्षगांठ बलिदान दिवस के रूप में मनाई, VIDEO

हिंदू महासभा के कार्यालय में नाथूराम गोडसे की तस्वीर की आरती उतारी गई.

खास बातें

  • पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, ज्ञापन लिया और चले आए
  • महासभा ने प्रशासन को सीएम कमलनाथ को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा
  • कोर्ट में गोडसे के बयान को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग
भोपाल:

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और उनके प्रमुख सहयोगी नारायण आप्टे की फांसी की 70 वीं वर्षगांठ को हिंदू महासभा ने दौलतगंज स्थित अपने कार्यालय में बलिदान दिवस के रूप में मनाया. उनकी तस्वीरों पर माला चढ़ाई, भजन गाए और आरती की. हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने इस मौके पर कहा, "यह पहली बार नहीं है कि हमने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे की हत्या की सालगिरह के मौके पर बलिदान दिवस मनाया."   

कार्यक्रम के बाद, महासभा नेताओं ने स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधियों को सीएम कमलनाथ को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा. उसमें चार मांगें शामिल थीं. पहली मांग है कि ट्रायल कोर्ट के सामने गोडसे के बयान को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि युवा पीढ़ियों को उनके वास्तविक राष्ट्रवादी व्यक्तित्व के बारे में बताया जा सके. दूसरी मांग है, जैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, वैसे दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों की शहादत को बाल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाए. तीसरी मांग है कि नाथूराम गोडसे की प्रतिमा, जो 2017 में महासभा के कार्यालय से स्थानीय प्रशासन-पुलिस द्वारा जब्त की गई थी, उसे वापस किया जाए. चौथी मांग है, जेएनयू कैंपस में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के साथ छेड़खानी करने वालों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया जाए.

हालांकि इस दौरान महासभा के कार्यालय के बाहर स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लोग मौजूद थे लेकिन उन्होंने कार्रवाई के बजाए इंतज़ार किया, ज्ञापन लिया और चले आए.

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अहम बात है कि दो साल पहले जब बीजेपी सत्ता में थी, महासभा कार्यकर्ताओं ने गोडसे की मूर्ति स्थापित करके अपने कार्यालय परिसर के अंदर हुतात्मा नाथूराम गोडसे मंदिर स्थापित करने का प्रयास किया था लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मूर्ति को जब्त कर लिया था. जबकि पिछले 11 महीनों से राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद, स्थानीय प्रशासन-पुलिस द्वारा शुक्रवार को इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

VIDEO : गोडसे के मंदिर पर बढ़ा बवाल

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