शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, सिद्धू पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए

कोर्ट से कहा- सिद्धू के खिलाफ लापरवाही से हुई मौत का नहीं बल्कि हत्या का मामला बनता है

शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, सिद्धू पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो).

खास बातें

  • सिद्धू ने जानबूझकर कर सिर पर मुक्का मारा
  • रोडरेज का मामला होता तो हिट करते और चले जाते
  • इंटरव्यू में सिद्धू ने माना था कि वे इसके लिए दोषी हैं
नई दिल्ली:

पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की तरफ से कहा गया कि सिद्धू के खिलाफ लापरवाही से हुई मौत का नहीं बल्कि हत्या का मामला बनता है. सिद्धू को ये पता था कि वो क्या कर रहे हैं, उन्होंने जो किया समझ बूझकर किया इसलिए उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए.

शिकायतकर्ता ने कहा कि कहा कि अगर ये रोडरेज का मामला होता तो हिट करते और चले जाते लेकिन यहां पर सिद्धू ने पहले उन्हें गाड़ी से निकाला और जोर का मुक्का मारा जबकि वो चाहते तो थप्पड़ मारते या फिर पैरों पर मार सकते थे लेकिन यहां उन्होंने जानबूझकर कर सिर पर मुक्का मारा और कार की चाबी निकाल ली.

शिकायतकर्ता ने ये भी कहा कि कोर्ट ने अपने एक फैसले में 35 साल बाद सबूत को सामने आने पर रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया था. इस मामले में भी ऐसा किया जा सकता है क्योंकि निजी चैनल पर सिद्धू के इंटरव्यू की सीडी शिकायतकर्ता को अभी मिली है. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी.

यह भी पढ़ें : रोड रेज मामले को लेकर दायर नई याचिका का सिद्धू ने किया विरोध

इससे पहले मंगलवार को सिद्धू की तरफ से शिकायतकर्ता की उस याचिका का विरोध किया गया जिसमें शिकायतकर्ता ने 1988 रोडरेज मामले में एक नई याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि साल 2010 में एक निजी चैनल पर दिए अपने इंटरव्यू में सिद्धू ने ये माना था कि वो इस अपराध के लिए दोषी हैं.

सिद्धू की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट अभी अपील पर सुनवाई कर रहा है लिहाजा इसे रिकॉर्ड पर नही रखा जा सकता है, ऐसे में ये अगर दाखिल ही करना चाहते है तो निचली अदालत या हाई कोर्ट में दाखिल करे.

VIDEO : टीवी शो नहीं कर सकते सिद्धू

दरअसल पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और कोर्ट ने उनके दोषी ठहराए जाने पर भी रोक लगा दी थी.


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